तेरह जजों की प्रमोशन लिस्ट पर कुंडली मारे बैठी हरियाणा सरकार को पंजाब व हरियाणा हााईकोर्ट ने तीखी फटकार लगाई है। जस्टिसेज ने सरकार को तीखे लहजे में कहा कि लक्ष्मण रेखा मत क्रॉस करो। एक जस्टिस इतने ज्यादा भड़क गए कि जॉइंट सेक्रेट्री से पूछा- आप चलाएंगे हाईकोर्ट?
13 जजों की प्रमोशन लिस्ट पर छह माह से कुंडली मारे थी खट्टर सरकार
दरअसल, हाईकोर्ट का गुस्सा तब भड़का जब तेरह जजों की प्रमोशन लिस्ट को लेकर सरकार हीलाहवाली करने लगी। हाईकोर्ट ने 13 जजों को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज के पद पर प्रमोट करने के लिए लिस्ट सरकार के पास भेजी थी। सरकार को नोटिफिकेशन जारी करना था। ये लिस्ट फरवरी 2023 में सरकार के पास गई थी। लेकिन छह माह बीतने के बाद भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया जा सका।
जॉइंट सेक्रेट्री रश्मि ग्रोवर ने हाईकोर्ट को बताई थी उसकी हद
हाईकोर्ट ने सरकार से सवाल किया तो जॉइंट सेक्रेट्री रश्मि ग्रोवर ने अपने जवाब में कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि वो हाईकोर्ट की मनमानी सिफारिशों पर अमल नहीं करेगी। ग्रोवर यहीं पर नहीं रुकीं। उन्होंने लिखा कि आप गवर्नर से ऊपर नहीं हैं। उनका कहना था कि हाईकोर्ट कुछ भी कहेगा तो गवर्नर उसे मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। आप अपनी बात कह सकते हैं पर उस पर अमल का फैसला तो सरकार को ही लेना है।
सरकार का जवाब सुन हत्थे से उखड़े जस्टिसेज, पूछा- आप हैं कौन
जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की बेंच के सामने ये चिट्ठी रखी गई तो दोनों जस्टिसेज हत्थे से उखड़ गए। उन्होंने हरियाणा सरकार की पैरवी कर रहे एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन से सख्त लहजे में कहा कि इस अफसर को कहो कि 2 बजे हाईकोर्ट में मौजूद रहें। उनका कहना था कि छह महीने पहले लिस्ट सरकार को भेजी गई थी। संविधान के आर्टिकल 233 के तहत सरकार को आदेश जारी करना था। लेकिन सरकार हमें ही कानून सिखा रही है। तीखे लहजे में उनका सवाल था कि क्या सरकार हाईकोर्ट चलाएगी। आप होते कौन हैं?
उधर सरकार की दलील थी कि हाईकोर्ट की सिफारिश संविधान के आर्टिकल 233 और आर्टिकल 309 के अनुरूप नहीं हैं। लिहाजा इनको मानना सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है। इसी वजह से सरकार ने फैसला लिया है कि वो हाईकोर्ट की सिफारिश पर अमल नहीं करने जा रही है।