तमिलनाडु की सियासत के ध्रुव रहे एम. करुणानिधि का निधन हो चुका है। करुणानिधि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में तमिल भाषा और तमिलनाडु की जनता के सबसे बड़े हितचिंतक रहे। लेकिन उनके पूरे राजनीतिक जीवन में उनकी सबसे बड़ी विरोधी एआईएडीएमके की प्रमुख जयललिता रहीं। दोनों की राजनीतिक शत्रुता जगजाहिर थी। ये उस वक्त खुलकर और सामने आ गई थी जब जयललिता ने साल 2001 में रात पौने दो बजे एम. करुणानिधि को गिरफ्तार करवाया था।
चुनाव हार गए थे करुणानिधि: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहते हुए एम. करुणानिधि, साल 2001 में तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव हार गए थे। साल 1996 में उनकी पार्टी के गठबंधन को जहां 221 सीटें मिली थीं। वहीं 2001 में डीएमके गठबंधन की सीटें सिमटकर सिर्फ 37 रह गईं थीं। जबकि उनकी विरोधी जयललिता के एआईएडीएमके गठबंधन को 196 सीटें मिली थीं। जयललिता अब तमिलनाडु की नई मुख्यमंत्री थीं। मुख्यमंत्री बनते ही जयललिता ने अपने विरोधी एम. करुणानिधि के खिलाफ जांच शुरू करवा दी।
भ्रष्टाचार के लगाए आरोप : जल्दी ही एम. करुणानिधि के खिलाफ एक्शन लेने की वजह जयललिता को मिल गई। चेन्नई कॉर्पोरेशन के कमिश्नर जेसीटी अचर्यालु ने 29 जून 2001 को एक एफआईआर दर्ज करवाई। अचर्यालु को कॉर्पोरेशन का कमिश्नर मई 2001 में जयललिता की सरकार आने के बाद बनाया गया था। अचर्यालु ने अपनी एफआईआर में करुणानिधि सरकार पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
इस मामले में थे आरोप : शिकायत में कहा गया था कि चेन्नई शहर में मिनी फ्लाईओवर के निर्माण में सरकार के द्वारा वित्तीय अनियमितता की गई है। इस अनियमितता से सरकारी कोष को 12 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस संबंध में पुलिस ने शुक्रवार, 29 जून 2001 में रात 9 बजे शिकायत दर्ज की थी। इसके तुरंत बाद ही पुलिस ने एम. करुणानिधि की गिरफ्तारी का फैसला कर लिया।
दरवाजा तोड़कर उठा ले गई पुलिस : सन टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 और 30 जून 2001 की दरमियानी रात में, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि अपने घर में सो रहे थे। रात के 1.30 बजे थे। करुणानिधि का कमरा घर की ऊपरी मंजिल पर था। पुलिस उनके घर में घुस आई। उसने कमरे का दरवाजा तोड़ दिया और करुणानिधि से कपड़े पहनकर साथ चलने के लिए कहा। पुलिस ने कथित तौर पर घर की टेलीफोन लाइनें काट दी थीं। टेलीविजन क्लिप में देखा जा सकता है कि करुणानिधि बेड से गिर पड़े। पुलिस उन्हें धक्का देकर और पीटते हुए अपने साथ उठाकर ले गई। उन्हें बचाने के लिए दौड़े मुरासोली मारन को भी पुलिस ने पीटा और साथ में गिरफ्तार कर लिया।
पूरे देश ने देखी थी गिरफ्तारी: मारन, दिल के मरीज थे। उन्हें पेसमेकर भी लग चुका था। उन्हें गिरफ्तारी के बाद सदमे में देखकर पुलिस ने तुरंत अपोलो अस्पताल में भर्ती करवाया। टी.आर बालू और डीएमके के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी अपनी गिरफ्तारी दी थी। एमके स्टालिन ने मजिस्ट्रेट के सामने आत्मसमर्पण किया था। गिरफ्तारी के वक्त रोते हुए करुणानिधि की तस्वीरें जब टीवी पर आईं तो तहलका मच गया।
राजनीतिक सर्किट में हुई थी निंदा: तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने गिरफ्तारी की निंदा की और इस पूरे मामले में चीफ सेकेट्री और गवर्नर से रिपोर्ट तलब कर ली। इस गिरफ्तारी की पूरे राजनीतिक सर्किट में निंदा की गई थी। लेकिन राजनीति के इन दो दुश्मनों के बीच एक दौर वह भी आया था जब तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का निधन हुआ था। उनके सबसे बड़े राजनीतिक विरोधी माने जाने वाले करुणानिधि ने भरे गले से कहा था कि तमिलनाडु की जनता ने अपना सच्चा हितैषी खो दिया है।

