देश के जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अभी बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के लिए रणनीति बना रहे हैं। हाल के दिनों में कई चुनावों में प्रशांत किशोर बीजेपी के विरोध में ही रणनीति बनाते रहे हैं। लेकिन एक दौर था जब प्रशांत किशोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते थे। लेकिन जब अमित शाह बीजेपी के अध्यक्ष बने तो प्रशांत किशोर की बीजेपी से दूरी बढ़ने लगी और उसके बाद उन्होंने बीजेपी के लिए काम करना छोड़ दिया।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए काम करते हुए प्रशांत किशोर ने एनडीए को बड़ी सफलता दिलवायी थी। लेकिन अमित शाह के अध्य़क्ष बनने के बाद दोनों के ही बीच विवाद बढ़ने लगा। हालांकि प्रशांत किशोर इस मुद्दे पर कभी भी खुलकर कुछ भी नहीं कहते हैं। खबरों के अनुसार अमित शाह प्रशांत किशोर के बीच कुछ मुद्दों पर मतभैद थे जिसके बाद प्रशांत किशोर ने अपने आप को अलग कर लिया था।
हाल ही में क्लब हाउस चैट लीक होने के बाद पत्रकारों को दिए इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या आपके आज भी बीजेपी के साथ रिश्ते हैं तो उन्होंने कहा था कि आप मेरे शब्दों से अधिक मेरे कार्य को देखें। मैं लगातार बीजेपी विरोधी दलों के लिए काम करता रहा हूं।
प्रशांत किशोर ने कहा था कि पंजाब में कांग्रेस के लिए काम किया था। उत्तर प्रदेश में मैंने समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के लिए काम किया था। बिहार मैंने राजद-जदयू गठबंधन के लिए काम किया था।
इंडिया टूडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने जब उनसे पूछा कि क्लब हाउस चैट में क्या आपने हार मान ली है? प्रशांत किशोर ने कहा कि बिल्कुल नहीं। साथ ही उन्होंने दावा किया कि बीजपी 100 के आंकड़ों तक भी नहीं पहुंच पाएगी। अमित शाह के 200 से अधिक सीट जीतने के दावों पर पर पीके ने कहा था कि निश्चित रूप से वो बड़े नेता हैं। लेकिन विधानसभा चुनावों में उनका अनुमान कई बार गलत हुआ है।