नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार पर वादा ख़िलाफ़ी के आरोप अकसर लगते रहते हैं। 15 लाख, कालाधन, महंगाई और पेट्रोल डीजल की कीमतों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने में कसर नहीं छोड़ता। इसी तरह मोदी सरकार के दौरान मीडिया संस्थानों की स्वतंत्रता को लेकर भी सवाल उठते हैं। कई बारे अजेंडा और देशविरोधी होने के भी आरोप लगाए जाते हैं। 16वीं लोकसभा के चुनाव से ठीक पहले एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मोदी कहते हैं, ‘देश को डरपोक मीडिया नहीं चाहिए। भागते हो तो मुझे कहना, मैं बचाऊँगा।’

अप्रैल 2014 में एबीपी न्यूज के घोषणापत्र कार्यक्रम में जब सवाल पूछा गया, ‘जब भी कोई व्यक्ति सत्ता की दावेदारी करता है तो मीडिया के मन में कुछ प्रश्न उठते हैं कि क्या इनके आने से हमारे अधिकारों पर आंच आ सकती है। तो क्या मीडिया को आपसे डरना चाहिए?’ इसपर मोदी ने जवाब दिया, ‘पहली बात है, अगर उनको किसी से डर लगता है तो यह क्षेत्र छोड़ देना चाहिए। लोकतंत्र में अगर मीडिया ताकतवर नहीं होगा तो देश चलेगा नहीं। ऐसा डरपोक मीडिया देश को नहीं चाहिए।’

उन्होंने आगे कहा, ‘मजबूत मीडिया देश को चाहिए जो डटकर खड़ा रहे। कितना भी बड़ा तीसमारखां आया हो। भागने की बात न करो। भागते हो तो मुझे कहना, मैं मदद करूँगा, बचाऊँगा।’ 2014 में लोकसभा के चुनाव के दौरान भी जनसभाओं में अकसर यह बात उठती थी कि मीडिया का एक वर्ग मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहता। कार्यक्रम में सवाल पूछा गया, ‘मीडिया को न्यूज ट्रेडर का ठप्पा मारकर अगर देश का बड़ा नेता उसे अलग कर दे तो मीडिया तो डरेगा?’

मोदी ने इस सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं सिर्फ न्यूज ट्रेडर की बात करता हूं। मैं मीडिया की बात नहीं करता। मैं मीडिया का सम्मान करता हूं। आपका काम है न्यूज ट्रेडर कौन है, उसको खोज लीजिए। आप राजनेता को भ्रष्टाचारी कहते हैं तो मैं क्यों टोपी पहन लूँ। तो आप क्यों टोपी पहन लेते हैं। आप लोकतंत्र की ताकत हैं तो डटे रहें।’

इसी कार्यक्रम में जब ऐंकर ने पूछ लिया कि क्या आपकी सरकार अंबानी और अडानी की सरकार होगी? मोदी ने जवाब दिया, ‘यह आपका प्रश्न नहीं है। आप राजनीतिक विरोधियों की चलाई हुई कथा को लेकर घूम रहे हैं। मीडिया से ऐसी अपेक्षा नहीं है। आपसे अपेक्षा है कि 14 साल गुजरात में मोदी ने कैसे राज चलाया है। पहले यहां सरकार चलती थी तो कॉरिडोर में दलाल घूमते थे लेकिन आज लोग कहते हैं कि एक सरकार ऐसी है जिसे खरीदा नहीं जा सकता।’

इसी कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने महंगाई कम करने के भी गुर बताए। साथ ही उन्होंने किसानों को संतुष्ट करने के तरीके भी गिनाए। हालांकि वर्तमान में किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं और उनका आरोप है कि सरकार अन्नदाताओं की बात सुनने को तैयार नहीं है।