नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही विपक्ष लगातार केंद्र सरकार के ऊपर उद्योगपतियों से सांठ-गांठ के आरोप लगाता रहा है। आरोप लगाने वाले नेताओं में सबसे ऊपर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आप नेता अरविंद केजरीवाल का नाम रहा है। सरकार और उद्योगपतियों के बीच वैसे तो एक-दूसरे से फायदे पाने के आरोप कोरे ही रहे हैं, लेकिन कई उद्योगपति मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ करते देखे गए हैं। इनमें एक नाम अडानी एंटरप्राइजेज के मालिक गौतम अडानी का भी है, जिन्होंने मोदी के पीएम बनने से पहले ही उनके गुजरात गवर्नेंस मॉडल को सर्वश्रेष्ठ करार दे दिया था।

दरअसल, 2014 के इंटरव्यू में एक एंकर ने गौतम अडानी से पूछा था कि ऐसा क्यों होता है कि जब ओपिनियन पोल्स में मोदी सरकार बनती दिखाई जाती है, एनडीए को बहुमत मिलते दिखाया जाता है, तब आपके ग्रुप की तमाम कंपनियों के शेयर बढ़ने शुरू हो जाते हैं और फिर लोग कहते हैं कि चूंकि आप करीब हैं और मोदी अगर सत्ता में आए तो आपको फायदा मिलेगा। इसीलिए आपके शेयर आगे बढ़ जाते हैं।

इस पर गौतम अडानी ने तब कहा था- स्टॉक मार्केट कैसे बढ़ता है, वो तो स्टॉक मार्केट जाने। लेकिन नेचुरली जब कोई मजबूत सरकार आती है, जिसके ऊपर निवेशकों को लगता है कि इस सरकार में निर्णय शक्ति ज्यादा होगी। जिससे उद्योगपतियों और व्यापार का भला होने वाला है। अभी सरकार तो बनी नहीं है, ये जो स्टॉक की रैली जो हो रही है, वो तो एक लोगों को ऐसा लग रहा है कि मजबूत सरकार आएगी, इसलिए लोगों को ऐसा लग रहा है।

इसके ठीक बाद जब एंकर ने अडानी से पूछा कि अरविंद केजरीवाल गुजरात आए थे, उन्होंने कहा था कि गुजरात में अडानी और अंबानी की सरकार चल रही है। क्या आप वाकई गुजरात सरकार में इतना प्रभाव रखते हैं। इस पर अडानी ने कहा था, “मोदी सरकार के अंदर एक कोई ऐसा दावा करता है कि कोई दो उद्योगपति, मीडिया, दो लोग सरकार चलाते हैं, तो मेरे ख्याल से वो मोदीजी को जानते नहीं हैं। मोदीजी किसी को सरकार चलाने की इजाजत नहीं देते। मैं समझता हूं कि वो सबसे बढ़िया गवर्नेंस का मॉडल है।”