केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हाल ही में इंस्टाग्राम एकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर अपनी जिंदगी के उस पहलू को सामने लाया, जिसमें उनके और उनकी मां के बीच का आपसी स्नेह और अनुशासन का पता चलता है। उन्होंने लिखा, “जब मैं बच्ची थी तब मां मुझे किसी मनोवैज्ञानिक के पास नहीं ले जाती थीं। उनकी एक थप्पड़ हमारे लिए सबसे बड़ी सजा होती थी। हम उससे ही अपनी गलतियां सुधार लेते थे।” कहा- हमको अनुशासन में रखने का यह सबसे अच्छा तरीका था।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लिखा है- मेरी मां ने इसे इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। अगर किसी और की मां ने ऐसा किया है तो कृपया बताएं। उनके इस पोस्ट को हजारों लोगों ने लाइक किया है। साथ ही सैकड़ों कमेंट्स आए हैं। बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने कमेंट करते हुए लिखा- “मेरी माताजी तो अब भी ऐसा ही करती हैं।”
स्मृति ईरानी ने लिखा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कितनी गलतियां करते हैं या आप कितना धीमी रफ्तार में आगे बढ़ते हैं। आप अब भी उनसे आगे हैं जो प्रयास ही नहीं करते हैं।
हालांकि पिटाई और थप्पड़ पर कई लोगों ने नाराजगी जताई है। mitsuf_नाम के एक यूजर ने लिखा है कि “इसे कहते हैं बाल शोषण, स्मृति जी। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसका आपको प्रचार करना चाहिए।” sirikrishna_hindupura ने लिखा, “मैं हमेशा से आपका प्रशंसक रहा हूं, लेकिन मैं इस मजाक से असहमत हूं। हमें मनोवैज्ञानिक के पास जाने को और अधिक बढ़ावा देने की जरूरत है। बल्कि……।”
begracefultheysaid नाम के एक अन्य यूजर ने लिखा, “हां, इसलिए मुझे अब एक वयस्क के रूप में चिकित्सा की आवश्यकता है। यह नहीं पता था कि बूमर हास्य घरेलू दुर्व्यवहार के चुटकुलों से बाल शोषण तक चला गया था, लेकिन ओह ठीक है, आप बस अपने बच्चों को उसी आघात से सुधारना चाहती हैं, जैसे आपके साथ आघात हुआ है।”
himanshu_k ने लिखा, “यह मजेदार है और मुझे वह भी मिला और हां जब चीजें अच्छी हों तो हम इसके बारे में हंस सकते हैं, लेकिन आइए मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को कम न करें और कैसे कुछ व्यक्तियों को वास्तव में उस उचित और पेशेवर दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। आपके उस पद पर हैं, इसलिए आपके शब्दों का महत्व होता है। आप इस जागरूकता को उस देश में बढ़ा सकते हैं जो अभी भी इस वर्जित और मनोरोगी मदद लेने के लिए शर्मनाक मानता है। यह सिर्फ “पागल लोगों” के लिए नहीं है।”