Haryana Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव में एक बार फिर गोपाल कांडा का नाम सुर्खियों में छाया हुआ है। जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी अब इंडियन नेशनल लोकदल और मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ आ गई है। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब अंत समय तक लग रहा था कि बीजेपी गोपाल कांडा की पार्टी के साथ अलायंस कर लेगी, लेकिन जब बीजेपी ने अलायंस नहीं किया तो गोपाल कांडा को दूसरा विकल्प तलाशना पड़ा।

ऐसे में अगर हम बात गोपाल कांडा और चौटाल परिवार की बात करें तो यहां यह जानना जरूरी हो जाता है कि चौटाला परिवार के करीब कांडा कैसे आए? जानकारी के मुताबिक,कांडा ने जब अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था, तब वे चौटाला परिवार के करीबी सहयोगी थे। 2004 में उस साल के विधानसभा चुनावों से पहले कांडा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (अभय के पिता) का स्वागत कथित तौर पर 80 लाख रुपये के नोटों की माला पहनाकर किया था।

2009 में कांडा ने इनेलो से टिकट मांगा, लेकिन उनके नाम पर विचार नहीं किया गया। इससे परेशान होकर उन्होंने सिरसा से निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीत गए। उस चुनाव में कांग्रेस बहुमत से चूक गई थी। भूपिंदर सिंह हुड्डा जो दूसरे कार्यकाल की तलाश में थे, उन्होंने कांडा से बातचीत की। कांडा सौदबाजी में माहिर थे। उन्होंने मंत्री पद से कम पर बात नहीं की और उन्हें गृह विभाग मिला। हुड्डा के करीब होने के बावजूद, चौटाला के साथ उनके रिश्ते खराब हो गए।

गोपाल कांडा का नाम साल 2012 में मीडिया की सुर्खियों में छाया था। जब उन्हीं की एविएशन फर्म एमडीएलआर एयरलाइंस में काम करने वाली गीतिका शर्मा नाम की एयरहोस्टेस ने 5 अगस्त, 2012 को सुसाइड कर लिया। कांडा पर आरोप लगा कि गीतिका के सुसाइड की वजह गोपाल कांडा ही हैं। उन्होंने ही उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया था।

इसके बाद विवाद ज्यादा बड़ा तो अगस्त 2012 में ही कांडा ने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। दो साल बाद 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में जब कांग्रेस ने कांडा को सिरसा से टिकट नहीं दिया, तो उन्होंने अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी की घोषणा कर दी।

जुलाई, 2023 में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने गीतिका शर्मा सुसाइड केस में हरियाणा के पूर्व गृहराज्य मंत्री गोपाल कांडा को बरी कर दिया है। कांडा ने इस केस में करीब 18 महीने की सजा काटी। बता दें, गोपाल कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस रहीं गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को अपने अशोक विहार स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

गीतिका ने सुसाइड नोट में इस कदम के लिए कांडा और उनकी MDLR कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया था। कांडा को इस मामले में 18 महीनों तक जेल में रहना पड़ा। उन्हें मार्च 2014 में जमानत मिली थी। गीतिका के सुसाइड के करीब 6 महीने बाद गातिका की मां ने भी आत्महत्या कर ली। उन्होंने भी अपनी मौत के लिए गोपाल कांडा को जिम्मेदार ठहराया था।