Madras High Court News: एक महिला वकील की निजी तस्वीरें वीडियो ऑनलाइन प्रसारित होने के मामले में फैसला सुनाते समय मद्रास हाईकोर्ट का माहौल भावनात्मक हो गया। हाईकोर्ट ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को आदेश दिया कि महिला वकील की निजी तस्वीरें हटाने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
जस्टिस वेंकटेश ने ओपन कोर्ट में रुंधे गले से कहा, ‘मैं बस यही सोच रहा था कि अगर यह महिला वकील मेरी बेटी होती, तो क्या होता।’ उन्होंने कहा कि उनका इरादा याचिकाकर्ता से अपने रूम में मिलकर उसे समर्थन देने का था और उन्होंने माना कि उन्हें खुद को तैयार करना होगा ताकि वे टूट न जाएं। जस्टिस वेंकटेश ने कहा कि महिला बहुत ही मानसिक पीड़ा से गुजर रही है।
कोर्ट ने केंद्र को दिया निर्देश
जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने मंत्रालय को 48 घंटे के अंदर फोटो और वीडियो का पता लगाने, उन्हें ब्लॉक करने और हटाने का निर्देश दिया व 14 जुलाई तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी। कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए डीजीपी को भी प्रतिवादी बनाया और हितधारकों को निर्देश देने के लिए कहा।
देश के 25 हाई कोर्ट में कुल 763 जज
वकील ने शिकायत दर्ज कराई
वकील के हलफनामे के मुताबिक, कॉलेज के दिनों में उसके साथी ने चुपके से उसकी जानकारी रिकॉर्ड कर ली थी। सालों बाद ये फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगे। उन्होंने 1 अप्रैल को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसमें उनके पूर्व पार्टनर और एक व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन का नाम शामिल था। लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि यह कंटेंट लगातार फैलता रहा और ना तो लॉ एनफोर्समेंटऔर ना ही मंत्रालय ने कोई दखल दिया।
जस्टिस वेंकटेश ने कहा कि याचिकाकर्ता में साहस लीगल ट्रेनिंग और सपोर्ट सिस्टम से आई है। उन्होंने कहा, ‘सौभाग्य से, वह इस पेशे में है और उसे हम सबका सहयोग हासिल है। उन मूक पीड़ितों का क्या होता है जो लड़ने का साहस नहीं जुटा पाते।’ कोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया कि वे पुलिस अधिकारियों में जागरूकता सुनिश्चित करें और मंत्रालय के साथ कोऑर्डिनेट बनाएं ताकि, ऐसी शिकायत दर्ज होने पर कंटेंट को तुरंत हटाया जा सके। वकील पर भड़के CJI गवई