उत्तरकाशी के सिल्कयारा गांव के पास मौजूद सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर गुड न्यूज आ गई है। सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चल रहा ऑपरेशन खत्म होने वाला है। मलबे में डाले गए पाइप से मजदूरों को निकालने के बाद उन्हें एंबुलेंस के जरिए बाहर ले जाया जा रहा है। इसके अलावा सुरंग में ही मेडिकल फेसिलिटी तैयार की गई है। सुरंग के अंदर ही डॉक्टर्स औऱ मेडिकल टीम मौजूद है।
सुरंग में डॉक्टरस् की टीम के अलावा कई एंबुलेंस भी आपात स्थिति के लिए तैयार खड़ी हैं। इसके साथ ही चिनूक हेलीकॉप्टर पर हेलीपैड पर मौजूद है। हालांकि चिनूक हेलीकॉप्टर अब कब सुबह ही उड़ान भर सकेगा। NDMA के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन ने बताया कि चिनूक हेलीकॉप्टर चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर मौजूद है। चिनूक हेलीकॉप्टर उड़ाने का आखिरी समय शाम 4:30 बजे है। हम इसे रात के दौरान नहीं उड़ाएंगे। चूंकि देर हो गई है, मजदूरों को अगली सुबह लाया जाएगा।
आइए आपको बताते हैं रेस्क्यू को लेकर क्या इंतजाम किए गए हैं।
- जिला अस्पताल में 30 बेड की फैसिलिटी रेडी है। इसके अलावा सुरंग में 10 बेड की व्यवस्था की गई है। जरूरत पड़ने पर 1 या 2 एंबुलेंस में मजदूरों को रात में ही ऋषिकेश ले जाया जा सकता है। रेस्क्यू के बाद मजदूरों को 48-72 घंटे तक डॉक्टर्स की निगरानी में रखा जाएगा।
- ऋषिकेश AIIMS को अलर्ट मोड पर रखा गया है। यहां 41 बेड का वार्ड और ट्रामा सेंटर रेडी है। जिन मजदूरों की हेल्थ ज्यादा खराब होगी उन्हें ऋषिकेश AIIMS एयरलिफ्ट किया जाएगा। यहां ट्रॉमा सर्जन सहित हार्ट और मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैयार है। ऋषिकेश AIIMS में स्थित हेलीपैड पर एक बार में तीन हेलीकॉप्टर लैंड कर सकते हैं।