लोकसभा में प्रियंका गांधी वाड्रा के पहले भाषण की काफी चर्चा है। संविधान पर विशेष बहस के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल को लेकर बात की और बीजेपी पर निशाना साधा। बहस की शुरुआत करने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, “उन्होंने (राजनाथ सिंह) 1975 (आपातकाल) के बारे में बात की तो सीख लीजिए न आप भी… आप भी अपनी गलतियों के लिए माफी मांगिए… आप भी बैलेट पर चुनाव कर लीजिए… दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा।”
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेताओं ने आपातकाल के बारे में बात की है। गांधी परिवार के सदस्यों सहित कई लोगों ने स्वीकार किया है कि यह जो कुछ हुआ था ‘गलत’ था।
राहुल गांधी ने भी इमरजेंसी को माना था ‘गलती’
साल 2021 के मार्च में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि आपातकाल एक गलती थी। वह कॉर्नेल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कौशिक बसु के साथ एक वर्चुअल बातचीत कर रहे थे। इस दौरान कांग्रेस सांसद ने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक गलती थी। बिल्कुल, यह एक गलती थी। और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी यही कहा था।”
एक दशक से भी ज़्यादा समय पहले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस कदम की गलती को स्वीकार किया था। सोनिया गांधी ने कहा था,”यह मत भूलिए कि जिस इंदिरा गांधी को मैं जानती थी, वह दिल से एक लोकतांत्रिक महिला थीं। और मुझे लगता है कि परिस्थितियों ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया, लेकिन वह कभी भी इससे सहज नहीं थीं।” यह पूछे जाने पर कि क्या आपातकाल के बारे में घर पर बातचीत होती थी, सोनिया ने कहा: “मुझे कोई खास घटना याद नहीं आती। लेकिन मुझे याद है कि कई बार वह इसे लेकर असहज हो जाती थीं।”
मई 2004 में ए इंडियन एक्सप्रेस के तत्कालीन प्रधान संपादक शेखर गुप्ता के साथ बातचीत में सोनिया गांधी ने कहा था कि उनकी सास ने बाद में महसूस किया था कि यह एक गलती थी। सोनिया गांधी ने तब कहा था,”ठीक है, मेरी सास ने खुद चुनाव हारने के बाद (1977 में) कहा था कि उन्होंने उस (आपातकाल) पर पुनर्विचार किया था। और यह तथ्य कि उन्होंने चुनाव की घोषणा की, इसका मतलब है कि उन्होंने आपातकाल पर पुनर्विचार किया था।”