CJI DY Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का आज लास्ट वर्किंग डे था। CJI चंद्रचूड़ की विदाई के लिए सेरेमोनियल बेंच बैठी। उन्होंने फेयरवेल स्पीच में सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों, वकीलों और बाकी स्टाफ को धन्यवाद दिया। इस दौरान वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने भी भाषण दिया। अभिषेक मनु सिंघवी ने मजाकिया अंदाज में सीजेआई से पूछा कि आपके यंग बने रहने का क्या राज है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आपने हमें आईपेड का इस्तेमाल करना सिखाया। उन्होंने कहा कि कम से कम मैं इस बारे में सीख गया। उन्होंने यह भी कहा कि आपका युवा रूप हमें बूढ़ा महसूस करवाता है। कम से कम इसका राज तो बता दीजिए।
जस्टिस संजीव खन्ना ने क्या बोला
वहीं देश के अगले चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इन्होंने मेरा काम आसान और कठिन दोनों ही कर दिया है। आसान इस वजह से कि कई सारे रेवोल्यूशन हुए हैं। कठिन इसलिए कि मैं कभी भी उनकी बराबरी नहीं कर सकता हूं। उनकी कमी हमेशा ही हमें खलेगी। इतना ही नहीं उन्होंने यंग लुक के बारे में भी कहा कि उनके यंग लुक की चर्चा केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया में कुछ लोग मेरे पास में आए थे और उनकी उम्र के बारे में मुझ से पूछा था।
‘अनजाने में पहुंची ठेस के लिए माफी’, CJI डीवाई चंद्रचूड़ आखिरी दिन कोर्ट रूम में क्या-क्या बोले?
सम्मान के लिए सभी को धन्यवाद- सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
अपने विदाई समारोह में सीजेआई ने कहा, ‘इतने बड़े सम्मान के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं। जब मैं बड़ा हो रहा था तो मेरी मां ने मुझसे कहा था कि मैंने तुम्हारा नाम धनंजय रखा है। लेकिन तुम्हारे ‘धनंजय’ में ‘धन’ भौतिक संपदा नहीं है। मैं चाहती हूं कि तुम ज्ञान अर्जित करो।’
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सीजेआई ने सुनाया एक किस्सा
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सीजेआई ने यह भी कहा, ‘उन्होंने (मेरे पिता ने) पुणे में यह छोटा सा फ्लैट खरीदा था। मैंने उनसे पूछा, आखिर आप पुणे में फ्लैट क्यों खरीद रहे हैं? हम कब जाकर वहां रहेंगे? उन्होंने कहा, मुझे पता है कि मैं वहां कभी नहीं रहूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन नहीं है कि मैं आपके साथ कब तक रहूंगा। लेकिन एक काम करो, जज के तौर पर अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तक इस फ्लैट को अपने पास रखो।
मैंने कहा, ऐसा क्यों? उन्होंने कहा, अगर आपको लगता है कि आपकी नैतिक ईमानदारी या आपकी बौद्धिक ईमानदारी से कभी समझौता किया गया है, तो मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपके सिर पर छत है। एक वकील या एक जज के तौर पर कभी भी खुद को समझौता करने की इजाजत न दें क्योंकि आपके पास अपना कोई ठिकाना नहीं है।’