Budget For Farmers: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश कर दिया है। उन्होंने देश के अन्नदाताओं को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की हैं। इस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुईं थी। वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि सेक्टर का विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का पूरा फोकस नेचुरल फार्मिंग पर होगा। इसके लिए खेती में रिसर्च को ट्रांसफॉर्म करना और एक्सपर्ट की निगरानी करना भी शामिल है। नेचुरल फॉर्मिंग से अगले एक साल में एक करोड़ किसान जुड़ेंगे।

फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि सरकार दाल और तेल के उत्पादन की आत्मनिर्भरता पर भी खासा जोर देगी। इसके लिए प्रोडक्शन, स्टोरेज और मार्केटिंग पर भी ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। अब सभी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर नेचुरल फार्मिंग क्या है और इससे किस तरह फायदा मिलेगा।

क्या है नेचुरल फार्मिंग?

नेचुरल फार्मिंग यानी प्राकृतिक खेती कृषि की एक पुरानी पद्धति है। इसका इस्तेमाल जमीन के प्राकृतिक रूप को सही बनाने के लिए किया जाता है। नेचुरल फॉर्मिंग में केमिकल फर्टिलाइजर और कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं होता है। बल्कि नेचुरल एलिमेंट और बेक्टिरिया के इस्तेमाल से खेती की जाती है। यह खेती पर्यावरण को सही रखने के साथ-साथ फसलों की लागत में भी कमी लाती है। नेचुरल फार्मिंग में कीटनाशकों के तौर पर नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, अग्निअस्त्र, सोठास्त्र, नीम पेस्ट, गोमूत्र, गोबर का इस्तेमाल होता है। मिट्टी का स्वास्थ्य भी अच्छा होता है। इसकी वजह से फसल को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है।

बजट में कृषि के लिए क्या-क्या ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके अलावा और भी कई सारे ऐलान किए हैं। इनमें कृषि और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान। किसानों और उनकी जमीनों को डिजिटल पब्लिक इंफ्रा का काफी फायदा मिलेगा। 6 करोड़ किसानों की जानकारी लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी। 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। सरकार 32 फसलों के लिए 109 किस्में लॉन्च करेगी। दलहन, तिलहन की उत्पादकता को बढ़ाया जाएगा। इतना ही नहीं भंडारण क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा।