अरब सागर में हाईजैक हुए शिप को भारत ने एक खास अभियान के तहत 24 घंटे में छुड़ा लिया है। शिप एमवी लीला नोर्फोक में 15 भारतीयों और क्रू सदस्यों को मिलाकर 21 लोग थे, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सभी एकदम सुरक्षित हैं। जहाज को बचाने के लिए नौसेना की मार्कोज कमांडों की टीम ने ऑपरेशन चलाया था। हालांकि किसी भी आतंकी की मौजूदगी जहाज पर नहीं मिल सकी।
अधिकारियों ने कहा कि सोमालिया के तट के पास कल देर शाम जहाज शिप एमवी लीला नोर्फोक पर सवार भारतीयों सहित चालक दल के सभी 21 सदस्यों को बचा लिया गया है और वे सुरक्षित हैं।
क्या है मरीन कमांडो फोर्स मार्कोज
जहाज पर मौजूद 21 लोगों को सुरक्षित बचाकर बाहर लाने में मार्कोस कमांडो के ऑपरेशन ने बढ़ी भूमिका निभाई है। यह एक बड़ा कठिन अभियान माना जा रहा था, लेकिन कमांडो फोर्स मार्कोज ने इसे बड़ी आसनी से 24 घंटे के भीतर पूरा कर लिया। 1987 में भारतीय नौसेना ने इलीट कमांडो फोर्स मार्कोज का गठन किया था। सैन्य इकाई मरीन कमांडो, मार्कोस और आधिकारिक तौर पर मरीन कमांडो फोर्स (MCF) कहलाती है।
मार्कोस समुद्र, वायु और भूमि सहित अलग जगह में काम कर सकता है। कश्मीर जैसे क्षेत्रों में ऑपरेशन चलाने के लिए भारतीय सेना के साथ भी मार्कोस कमांडो सहयोग करते हैं। The few The fearless’ यह मार्कोस कमांडो का आदर्श वाक्य है।
26/11 के मुंबई हमलों में उनकी भागीदारी के दौरान उनकी वीरता और साहस की कहानी भी निकल कर सामने आई थी। MyGov की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि MARCOs ने 2008 में ताज होटल हमले के दौरान भी बचाव का काम किया था। 1980 के दशक के आखिर में मार्कोस ने श्रीलंकाई गृहयुद्ध के बीच एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया था, जिसे ‘ऑपरेशन पवन’ के नाम से जाना जाता है।