केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने ग्राम पंचायतों की बैठकों के दस्तावेजीकरण के लिए एक उपकरण (टूल) ‘सभासार’ शुरू किया। इसका पहली बार सफलतापूर्वक उपयोग 15 अगस्त को किया गया। इस दौरान ‘सभासार’ का इस्तेमाल देश के 25 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने किया। इनमें से तीन राज्यों तमिलनाडु, बिहार और त्रिपुरा की ग्राम पंचायतों ने बड़ी संख्या में इसका उपयोग किया जबकि 9 राज्य व केंद्रशासित प्रदेश ‘सभासार’ के इस्तेमाल में पिछड़ गए। देश में कुल 12,864 ग्राम पंचायतों ने इसका इस्तेमाल किया। त्रिपुरा की लगभग सभी ग्राम पंचायतों की बैठकों में इस टूल का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया।

‘सभासार’ एक आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI ) संचालित उपकरण (टूल) है जो ग्राम सभा एवं अन्य पंचायती राज बैठकों की आडियो व वीडियो रिकार्डिंग से ऑटोमेटिक तरीके से बैठक का विवरण तैयार करता है। यह उन्नत आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण तकनीकों का उपयोग करता है। ‘सभासार’ का मुख्य उद्देश्य पंचायती राज व्यवस्था में दक्षता, पारदर्शिता व जवाबदेही को बढ़ावा देना है। सरकार के राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन ‘भाषिणी’ के साथ एकीकृत यह उपकरण वर्तमान में 13 भारतीय भाषाओं में ग्राम पंचायतों की बैठकों के विवरण (मिनट्स) तैयार करता है।

सूत्रों के मुताबिक 15 अगस्त को देश भर में आयोजित ग्राम पंचायतों के दौरान तमिलनाडु में सबसे अधिक 5,760 ग्राम पंचायतों ने ‘सभासार’ का सफलतापूर्वक उपयोग किया। इसी तरह बिहार में भी 6,316 ग्राम पंचायतों ने इसका इस्तेमाल किया। तीसरे स्थान पर त्रिपुरा रहा जहां पर 1,911 ग्राम पंचायतों की बैठक में ‘सभासार’ का उपयोग किया गया। अन्य राज्यों की बात करें तो झारखंड की 1441, महाराष्ट्र की 1,283, आंध्र प्रदेश की 1,211, तेलंगाना की 576, केरल की 715, ओड़ीशा की 547 और पंजाब की 378 ग्राम पंचायतों की बैठक में ‘सभासार’ का उपयोग किया गया।

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देश में 9 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे थे, जो ‘सभासार’ के उपयोग में पूरी तरह से विफल रहे। इनमें गुजरात में जहां केवल दो ग्राम पंचायतों ने इसका इस्तेमाल किया, वहीं, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मिजोरम, नगालैंड, असम, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में एक-एक ही ग्राम पंचायतों ने ‘सभासार’ का उपयोग किया।

देश में गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती आदि पर सभी ग्राम पंचायतों आम बैठक का आयोजन किया जाता है। इन विशेष दिनों में देश में मौजूद सभी ग्रामों की पंचायतों को बैठक का आयोजन करना अनिवार्य है। अगली बैठक गांधी जयंती यानी दो अक्तूबर को होगी। आंकड़ों के मुताबिक देश के विभिन्न राज्यों में आयोजित हुईं ग्राम पंचायतों की कार्यवाही सबसे अधिक हिंदी में हुई। आंकड़ों के मुताबिक बैठक की सबसे ज्यादा वीडियो हिंदी में थीं। इसके बाद तमिल और फिर अंग्रेजी में ग्राम पंचायतों की बैठकों की वीडियो ‘सभासार’ पर अपलोड हुईं।