भारत ने सोमवार को न्यूक्लियर बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 (Agni-5 Missile) की पहली फ्लाइट की सफल टेस्टिंग की है। पीएम मोदी ने  DRDO को इसके लिए बधाई दी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है। मिशन दिव्यास्त्र मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला फ्लाइट टेस्ट है।

अग्नि 5 मिसाइल में क्या है खास?

अग्नि 5 मिसाइल एक लंबी दूरी की मिसाइल है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा बनाया गया है। यह अग्नि सीरीज की 5000 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता वाली सबसे लंबी दूरी की मिसाइल कही जाती है। अग्नि मिसाइलें 1990 के दशक की शुरुआत से भारतीय सशस्त्र बलों के शस्त्रागार में रहा है। अग्नि 5 मिसाइल MIRV टेक्नोलोजी से लैस है।

MIRV टेक्नोलोजी क्या है?

MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) एक ही मिसाइल से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम इस अग्नि की मारक क्षमता 5,000 किमी से अधिक है, जो इसे लंबी दूरी की मिसाइल बनाती है और इसका उद्देश्य मुख्य रूप से चीन की चुनौती को विफल करना है।

अब तक, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के पास MIRV मिसाइलें हैं। इन मिसाइलों को जमीन से या समुद्र से पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है। जहां पाकिस्तान ऐसी मिसाइल प्रणाली पर काम कर रहा है वहीं माना जाता है कि इजरायल के पास भी यह मौजूद है। इसकी एक अन्य विशेषता यह है कि इसे सड़क के माध्यम से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इससे पहले की अग्नि मिसाइलों में यह सुविधा नहीं थी।

2012 के बाद से अग्नि-5 का कई बार सफल परीक्षण किया जा चुका है। दिसंबर 2022 में ओडिशा के तट पर अग्नि-5 का सफल उड़ान परीक्षण किया गया था।