Maha Kumbh Turning Into Mrityu Kumbh: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में कथित कुप्रबंधन को लेकर मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली यूपी सरकार की आलोचना की और कहा कि सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ में बदल गया है। इसके बाद सियासी बवाल बढ़ गया है। सीएम के बयान पर अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल का आगामी विधानसभा चुनाव आपके राजनीतिक करियर के लिए मृत्यु कुंभ साबित होगा।

समाचार न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के द्वारा दिया गया यह बयान कि यह महाकुंभ नहीं बल्कि मृत्युकुंभ है। अखिल भारतीय संत समिति कठोर शब्दों में इसकी निंदा करती है। ममता दीदी यह सत्य है कि यह महाकुंभ नहीं आपके लिए मृत्युकंभ के बराबर है। पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा और मैं कहूं कि पूर्वी भारत का हिंदू अमृत स्नान के लिए यहां पर आ रहे हैं। उससे आपका बेचैन होना स्वाभाविक है।’

इतनी भीड़ क्यों, किस बात की होड़?

जितेंद्रानंद सरस्वती ने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनाव आपके राजनीतिक करियर के लिए मृत्युकुंभ ही साबित हों। ये मैं तीर्थराज प्रयाग और भगवान भोलनाथ से यही कामना करता हूं।

ममता बनर्जी ने महाकुंभ को बताया मृत्युकुंभ

पश्चिम बंगाल विधानसभा के बजट सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ’ में बदल गया है। मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं और पवित्र गंगा मां का भी। लेकिन कोई योजना नहीं है। कितने लोगों को बचाया गया है? अमीरों और वीआईपी लोगों के लिए 1 लाख रुपये तक के कैंप पाने की व्यवस्था है। लेकिन गरीबों के लिए कुंभ में कोई व्यवस्था नहीं है।’ उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए उस पर देश को बांटने के लिए धर्म को बेचने का आरोप लगाया और प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ धार्मिक समागम के लिए सही योजना की कमी का आरोप लगाया। सीएम ममता बनर्जी के बयान पर भारतीय जनता पार्टी के नेता भी जमकर हमलावर है। ममता बनर्जी का पूरा बयान पढ़ने के लिये यहां क्लिक करें…