कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को 2023 के पंचायत चुनावों के लिए 48 घंटे के भीतर पश्चिम बंगाल के सभी जिलों में केंद्रीय बल तैनात करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनाया है। भाजपा नेता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया था और 8 जुलाई के पंचायत चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया में हिंसा की घटनाओं और विपक्षी उम्मीदवारों पर डाले जा रहे दबाव को लेकर तत्काल याचिका दायर की थी। 

कोर्ट ने क्या कहा?

लाइव लॉं की खबर के मुताबिक शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश शिवगणमन और जस्टिस उदय कुमार की खंडपीठ ने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश मंगलवार (13 जून) को दिया गया था लेकिन इस ओर बेहतर कदम नहीं बढ़ाया गया। जबकि चुनाव आयोग का तर्क है कि ऐसे इलाकों की पहचान करने में समय लग रहा है, कोर्ट ने कहा कि जितना समय आप इसमें लेंगे उतना ही हिंसा बढ़ती जाएगी, इसलिए तेज़ी दिखाई जाए और 48 घंटों में सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी और राज्य सरकार का इससे कोई लेना देना नहीं है।

8 जुलाई को होने हैं पंचायत चुनाव

पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को एक चरण में पंचायत चुनावों होने हैं। इसमें ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों में सभी चुनाव होंगे, जिन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले काफी पैनी नज़र से देखा जा रहा है।

चुनाव से पहले उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया में जिलों में चुनाव लड़ने वाले दलों के बीच हिंसक झड़पें होती रही हैं। इस बार विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस जबरदस्ती उन्हें नामांकन दाखिल करने से रोक रही है। ऐसे में लगातार हिंसा बढ़ती जा रही है।

बुधवार (14 जून) को भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर सीधा प्रहार करते हुए कहा था कि टीएमसी के राज में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होने कहा था, “लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है, हम इसका विरोध करेंगे। हम पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के जंगल राज को खत्म करेंगे। हम लोकतंत्र के लिए लड़ रहे हैं और राज्य की जनता जीतेगी। वे कहते हैं कि पश्चिम बंगाल में कोई संवेदनशील बूथ नहीं है और यहां केंद्रीय बलों की कोई आवश्यकता नहीं है”।