Kanchanjunga Express Train Accident: कोलकाता जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस (Kanchanjunga Express Accident) को एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई है और 41 लोग घायल हो गए हैं। इसमें कुछ लोगों ने अपनी आपबीती बताई है। स्लीपर कम्पार्टमेंट की सबसे ऊपरी बर्थ पर लेटे गौतम रॉय ने नाश्ता करने के बारे में सोचा ही था कि तब ही उन्होंने खुद को फर्श पर गिरते हुए पाया। अगरतला के रहने वाले रॉय अभी भी इस हादसे से ऊबर नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा कि ट्रेन में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए गए।
गौतम रॉय ने कहा कि सुबह के करीब 8.55 बजे थे। कई लोग ऊपर की बर्थ से गिर पड़े। इसके बाद हर तरफ चीख-पुकार मच गई। इनमें से कुछ को चोटें भी आई हैं। इस हादसे से बावजूद उनका डिब्बा सुरक्षित था। सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस में पीछे बैठे यात्रियों की हालत बेहद ही खराब थी। इसमें न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पास एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी। मालगाड़ी के लोको पायलट समेत 9 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।
हर तरफ लोग मदद के लिए चिल्ला रहे थे
रॉय ने कहा कि यह जीवन का सबसे गहरा और बड़ा सदमा था। एक दूसरे अलग स्लीपर डिब्बे में अगरतला के सुमन चौधरी ने अपनी पत्नी को ऊपर की तरफ वाली बर्थ से गिरते हुए देखा और उसे हल्की चोट लगी। शोर मचने के बाद चौधरी और कई दूसरे लोग इस बात का पता लगाने के लिए उतरे कि आखिर क्या हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमने अपने डिब्बे के बाद करीब 7-8 डिब्बे पार किए। हमने पाया कि आखिर के कुछ डिब्बे बुरी तरह से तबाह हो गए और पटरी से उतर गए थे। एक डिब्बा तिरछा खड़ा था। इसका एक हिस्सा दूसरे डिब्बे से टकरा रहा था। हर तरफ लोग मदद के लिए पुकार रहे थे। जल्द ही कुछ गांव के लोग मौके पर पहुंचे और लोगों को बचाना शुरू कर दिया। उन लोगों ने तब तक ऐसा किया जब तक दूसरे रेलवे के कर्मचारी नहीं पहुंचे थे।
चौधरी ने आगे बताया कि उन दो घंटों में इतजार करना बहुत ही भारी पड़ रहा था। कई यात्री रेलवे अधिकारियों को लगातार फोन लगाते रहे। लेकिन कुछ समय तक किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिली। शुरू में तो उन्होंने फोन को उठाया फिर बाद में उन्होंने फोन को उठाना ही बंद कर दिया और कहा कि उन्हें घटना के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। स्थानीय लोगों ने ही उन डिब्बों से यात्रियों को बचाया।
गेट के पास बैठे लोग बुरी तरह चोटिल
त्रिपुरा पुलिस में कॉन्स्टेबल रॉय ने बताया कि उन्हें मामूली चोटें आई हैं। डॉक्टर और पैरामेडिक्स ने उनका इलाज किया। चौधरी और रॉय दोनों ने कहा कि उन्होंने घायल यात्रियों को बचाने के लिए मदद की। चौधरी ने बताया कि स्थानीय पुलिस के जवान सुबह करीब 9:20-9:30 बजे मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि इसके बाद आरपीएफ ने फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। चौधरी ने बताया कि ट्रेन के गेट के पास बैठे लोग बुरी तरह से चोटिल हो गए। किसी का पैर टूट गया और किसी के शरीर के दूसरे हिस्सों को भी नुकसान पहुंचा है।