पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुर्शिदाबाद में ट्रिपल मर्डर केस को लेकर अभी बवाल चरम पर है, तो वहीं दूसरी तरफ नादिया जिले में शुक्रवार को एक दुकानदार को गोली मारने से बीजेपी और राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच वाक्-युद्ध जारी है। गौरतलब है कि मारे गए 55 वर्षीय दुकानदार हरलाल देबनाथ बाबू को एक ओर जहां बीजेपी अपना समर्थक बता रही है, तो वहीं टीएमसी उसे अपना कार्यकर्ता होने का दावा कर रही है। वहीं, प्रशासन ने हत्याकांड में किसी भी राजनीतिक एंगल होने के दावे का खंडन किया है। पुलिस का कहना है कि मृत दुकानदार का राजनीति से कोई वास्ता नहीं था।

बाबू को कोलियाघाटा क्षेत्रे में उसकी दुकान के बाहर गोली मारी गई। पुलिस का कहना है कि वह बिजनस खत्म करने के बाद वह अपने दुकान के बाहर सफाई का काम कर रहा था, तभी पीछे से गोली मार दी गई। घायल बाबू को स्थानी लोगों ने रानाघाट सब डिविजनल अस्पताल पहुंचाया, जहां से कल्याणी जनरल हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। लेकिन, अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

पश्चिम बंगाल के बीजेपी महासचिव सुब्रत चैटर्जी ने ट्वीट करके कहा, “पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की रक्षा करते हुए एक और बीजेपी कार्यकर्ता को अपनी कुर्बानी देनी पड़ी। देबनाथ को तृणमूल कांग्रेस के अपराधियों ने गोली मार दी।” वहीं, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग करते ट्वीट किया, “पश्चिम बंगाल में लोकंतत्र की रक्षा करते हुए एक और बहादुर बीजेपी कार्यकर्ता टीएमसी की गुंडागर्दी का शिकार हो गया।”

उधर टीएमसी ने बीजेपी के सारे आरोपों को खारिज किया है। पार्टी के नेता तपस घोष ने कहा, “वह (बाबू) टीएमसी वर्कर थे और अक्सर हर तरह के अन्याय के खिलाप आवाज उठाते रहते थे, जिनकी बीजेपी समर्थकों ने हत्या कर दी।” इन सबके बीच एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “अभी तक (हत्या का) मंसूबा साफ नहीं हो पाया है। लेकिन, जहां तक मृत व्यक्ति की पृष्ठभूमि का सवाल है तो उसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई कनेक्शन नहीं है और उसके परिवार ने भी किसी राजनीतिक दल से संपर्क होने की बात को खारिज किया है।