बंगाल की खाड़ी में बना हवा के निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान जवाद में तब्दील हो गया है। जल्द ही इस तूफान के ओडिशा और आंध्र प्रदेश पहुंचने की संभावना है। विशेषज्ञों के अनुसार यह तूफान इन इलाकों में काफी तबाही मचा सकता है। साथ ही इस दौरान काफी तेज हवाएं भी चल सकती है। मौसम विभाग की तरफ से इन इलाकों में हाई अलर्ट भी जारी किया गया है और आपदा के दौरान बचाव के लिए राहत टीमों को भी तैनात कर दिया गया है।
शुक्रवार को दोपहर के आसपास बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात तूफ़ान जवाद शनिवार को आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों पर पहुंचेगा। इसके बाद चक्रवात तूफान जवाद के रविवार की सुबह को पुरी जिले में पहुंचने की उम्मीद है। मई में यास और सितंबर में गुलाब तूफान के बाद इसी साल ओडिशा पहुंचने वाला यह तीसरा चक्रवात है।
वर्तमान में इन तटीय राज्यों में 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं। शुक्रवार की सुबह गहरे दबाव में तब्दील हुआ जवाद दोपहर तक तेजी से चक्रवाती तूफान में बदल गया। सेटेलाइट के अनुसार यह विशाखापत्तनम से 420 किमी दक्षिण- दक्षिण पूर्व, पारादीप से 650 किमी दक्षिण पूर्व और गोपालपुर से 530 किमी दक्षिण पूर्व में स्थित था।
वहीं मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान की वजह से उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिणी तटीय ओडिशा में शुक्रवार शाम तक बहुत भारी वर्षा शुरू होने की संभावना है। साथ ही शनिवार को बारिश की तीव्रता बढ़ने के भी आसार हैं। अंडमान सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र 30 नवंबर को बना था। मौसम विभाग के अनुसार यह दो दिसंबर को दबाव में और शुक्रवार सुबह एक गहरे दबाव में बदल गया। जिसके बाद यह दोपहर तक चक्रवात में तब्दील हो गया।
चक्रवात तूफान जवाद को लेकर आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों में शनिवार के लिए चेतावनी जारी की गई है। वहीं ओडिशा के गजपति, गंजम, पुरी, जगतसिंहपुर जिलों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है। सऊदी अरब के कहने पर ही इस चक्रवाती तूफान का नाम जवाद रखा गया है। चूंकि अरबी शब्द जवाद का अर्थ उदार होता है। इसलिए इस तूफान से ज्यादा नुकसान नहीं होने की संभावना जताई जा रही है। (भाषा इनपुट्स के साथ)