देश में इस साल अगस्त में सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। पिछले 120 साल में चौथी बार सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है।भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि देश में एक जून से 31 अगस्त के बीच सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के वैज्ञानिक आर. के. जेनामणि ने कहा, ‘‘ अगस्त में सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।’’जेनामणि ने कहा, ‘‘ अगस्त 2020 में दर्ज बारिश, पिछले 44 साल में सर्वाधिक है। वहीं, पिछले 120 साल में चौथी बार सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है।’’
अगस्त 1926 में सामान्य से 33 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई थी, जो अभी तक की सर्वाधिक है। इसके बाद अगस्त 1976 में सामान्य से 28.4 प्रतिशत अधिक, अगस्त 1973 में 27.8 प्रतिशत अधिक और इस साल सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है।‘स्काईमेट वेदर’ के उपाध्यक्ष महेश पलवत ने कहा कि अगस्त में बंगाल की खाड़ी में पांच निम्न दबाव क्षेत्र बनने के कारण इस महीने इतनी अधिक बारिश हुई है। पिछले महीने कई स्थानों पर लगातार बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न हो गई।
मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर के लिए यह सप्ताह बारिश वाला सप्ताह होने वाला है। बारिश की तीव्रता सबसे अधिक 1 और 4 सितंबर के बीच होने वाली है। अन्य दिनों में भी हल्की से मध्यम बौछारें जारी रहेंगी। दिन का तापमान 32-33 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।
मौसम से जुड़ी जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक मध्य भारत के भागों के लिए इस सप्ताह की शुरुआत शांत मानसून के साथ होगी। हालांकि ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर संभावनी चक्रवाती सिस्टम के चलते 1 और 2 सितंबर को ओडिशा और छत्तीसगढ़ में बारिश शुरू हो जाएगी। बाद में 3 और 6 सितंबर के बीच मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बारिश आ जाएगी। गुजरात, कोंकण और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र में इस सप्ताह कम वर्षा के आसार हैं।
देश में इस साल अगस्त में सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। यह पिछले 120 साल में दर्ज की गई चौथी सर्वाधिक बारिश है। विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के वैज्ञानिक आर. के. जेनामणि ने कहा, ‘‘ अगस्त में सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।’’ उल्लेखनीय है कि आईएमडी ने नौ प्रतिशत धनात्मक-ऋणात्मक त्रृटि के साथ अगस्त महीने के लिए दीर्घकालिक औसत (एलपीए) के मुकाबले 97 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान लगाया था। इस प्रकार एलएपीए के 96 से 104 प्रतिशत के बीच बारिश को सामान्य माना जाता है। जेनामणि ने कहा, ‘‘ अगस्त 2020 में दर्ज बारिश, पिछले 44 साल में सर्वाधिक है। वहीं, पिछले 120 साल में दर्ज की गई चौथी सर्वाधिक बारिश है।’’
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि देश में एक जून से 31 अगस्त के बीच सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई। देश में आधिकारिक रूप से वर्षा ऋतु को एक जून से 30 सितंबर तक माना जाता है। विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के वैज्ञानिक आर. के. जेनामणि ने कहा, ‘‘ अगस्त में सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।’’
स्काईमेट वेदर’ के उपाध्यक्ष महेश पलवत ने कहा कि अगस्त में बंगाल की खाड़ी में पांच कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण इस महीने इतनी अधिक बारिश हुई है।
निम्न दाब क्षेत्र में वायु का चक्रवाती चक्रण होता है। यह तूफान का पहला चरण होता है ,लेकिन जरूरी नहीं कि निम्न दाब चक्रवाती तूफान में ही तब्दील हो।
गुजरात के भरूच, नर्मदा और वडोदरा जिलों में नौ हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं बांधों से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण नर्मदा नदी उफान पर है।
दिल्ली शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह नौ बजे 48 दर्ज की गई। वायु सूचकांक 0-50 के बीच सुरक्षित माना जाता है। इसके बाद 51-100 संतोषजनक, 101-200 के बीच मध्यम, 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच बेहद खराब और 401-500 के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है। वायु गुणवत्ता को 500 से ऊपर न केवल गंभीर वाला बल्कि आपात स्थिति वाला माना जाता है। सोमवार को हवा की गुणवत्ता का औसत स्तर 24 घंटे में 41 रहा और यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से 2015 से दर्ज किए जा रहे गुणवत्ता रिकॉर्ड में अब तक का सबसे कम है। इस साल वायु गुणवत्ता के ‘अच्छी’ श्रेणी में होने का यह पांचवां दिन है। वायु गुणवत्ता 28 मार्च, 13 अगस्त, 20 अगस्त और 24 अगस्त को क्रमश: 45,50,50 और 45 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक अगस्त महीने में ज्यादातर दिन 50 से 70 के बीच बना रहा।
पूरे सप्ताह आंशिक बादलों के बीच चेन्नई में मौसम अधिकांश समय गर्म और आर्द्र रहेगा। हालांकि अधिकांश दिनों में शाम और रात के समय हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 36 डिग्री और 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।
गुजरात के मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक राज्य में भारी से भीषण बारिश का अनुमान जताया है। उत्तर गुजरात, दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के साथ कच्छ के कुछ हिस्सों में अत्यधिक वर्षा का अनुमान है।
मौसम विभाग ने सरहदी बाड़मेर व जैसलमेर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जैसलमेर में कल रात से बारिश हो रही है। अब तक 5 इंच पानी बरस चुका है। पूरे जैसलमेर में हो रही बारिश के कारण कई बरसाती नदी-नालों में उफान आ गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक सूबे में मौसम परिवर्तनशील बना हुआ है और बुधवार को राज्य में बारिश के आसार हैं। मौसम जानकार का कहना है कि एक सितंबर से तीन सितंबर तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में गरज चमक और हवाओं के साथ बारिश के आसार हैं।
महाराष्ट्र के नागपुर, भंडारा,चंद्रापुर और गढ़चिरौली जिले से 53 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। भारी बारिश के चलते इन जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया था। आधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।
देश में इस साल अगस्त में सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। पिछले 120 साल में चौथी बार सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है।भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि देश में एक जून से 31 अगस्त के बीच सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के वैज्ञानिक आर. के. जेनामणि ने कहा, ‘‘ अगस्त में सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।’’जेनामणि ने कहा, ‘‘ अगस्त 2020 में दर्ज बारिश, पिछले 44 साल में सर्वाधिक है। वहीं, पिछले 120 साल में चौथी बार सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है।’’ अगस्त 1926 में सामान्य से 33 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई थी, जो अभी तक की सर्वाधिक है। इसके बाद अगस्त 1976 में सामान्य से 28.4 प्रतिशत अधिक, अगस्त 1973 में 27.8 प्रतिशत अधिक और इस साल सामान्य से 27 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है।‘स्काईमेट वेदर’ के उपाध्यक्ष महेश पलवत ने कहा कि अगस्त में बंगाल की खाड़ी में पांच निम्न दबाव क्षेत्र बनने के कारण इस महीने इतनी अधिक बारिश हुई है। पिछले महीने कई स्थानों पर लगातार बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न हो गई।
मौसम विभाग के मुताबिक झारखंड के कुछ हिस्सों में बारिश के आसार हैं। धनबाद और बोकारो समेत कई जिलों में बारिश के आसार हैं।
गोरखपुर में लगातार मौसम का मिजाज बदल रहा है। कभी धूप तो कभी छांव। जिले में कहीं बरसात हो रही है तो कहीं धूप हो रहा है। ऐसे में आने वाले दो तीनों में हल्की बारिश का अनुमान है जिससे उमत तो कुछ कम होगी लेकिन गर्मी से निजात नहीं मिलेगी। गोरखपुर में मंगलवार व बुधवार को हल्की बारिश का अनुमान है।
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘अच्छी’ श्रेणी में दर्ज की गई और विशेषज्ञ इसके पीछे की वजह हवा की अनुकूल स्थित और पिछले महीने हुई अच्छी बारिश बता रहे हैं। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह नौ बजे 48 दर्ज की गई। वायु सूचकांक 0-50 के बीच सुरक्षित माना जाता है। इसके बाद 51-100 संतोषजनक, 101-200 के बीच मध्यम, 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच बेहद खराब और 401-500 के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है। वायु गुणवत्ता को 500 से ऊपर न केवल गंभीर वाला बल्कि आपात स्थिति वाला माना जाता है। सोमवार को हवा की गुणवत्ता का औसत स्तर 24 घंटे में 41 रहा और यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से 2015 से दर्ज किए जा रहे गुणवत्ता रिकॉर्ड में अब तक का सबसे कम है। इस साल वायु गुणवत्ता के ‘अच्छी’ श्रेणी में होने का यह पांचवां दिन है। वायु गुणवत्ता 28 मार्च, 13 अगस्त, 20 अगस्त और 24 अगस्त को क्रमश: 45,50,50 और 45 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक अगस्त महीने में ज्यादातर दिन 50 से 70 के बीच बना रहा।
गुजरात के मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक राज्य में भारी से भीषण बारिश का अनुमान जताया है। उत्तर गुजरात, दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के साथ कच्छ के कुछ हिस्सों में अत्यधिक वर्षा का अनुमान है।
आमतौर पर पूरे सप्ताह आंशिक बादलों के बीच चेन्नई में मौसम अधिकांश समय गर्म और आर्द्र रहेगा। हालांकि अधिकांश दिनों में शाम और रात के समय हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 36 डिग्री और 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपा के क्षेत्रों में मौसम पिछले एक सप्ताह से सुहाना बना हुआ है। मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि अगले कई दिन दिल्ली में ऐसा ही मौसम बना रहेगा। संभावना है कि रोजाना आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और बारिश होने की संभावना भी बरकरार रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार पूरे सप्ताह ही दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरों का भी मौसम ऐसा ही बना रहेगा। अधिकतम और न्यूनतम तापमान कमोबेश ऐसा ही बना रहेगा, लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिलती रहेगी।
गुजरात व राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मध्य प्रदेश में भी कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य भारत के इलाकों में अब बारिश में कमी आएगी और मौसम साफ बना रहेगा, जिससे बाढ़ प्रभावित एमपी में राहत मिल सकती है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और हरियाणा में भी कुछ इलाकों में आज बारिश हो सकती है।
दिल्ली में पिछले साल अगस्त में 119.6 मिमी और 2018 में 206.5 मिमी बारिश हुई थी। वहीं 2017 में 152.2 मिमी और 2016 में 122.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। 2015 और 2014 में अगस्त में क्रमश: 195.4 मिमी और 139.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। 2013 अगस्त में 321.4 मिमी बारिश हुई थी। इस साल, एक जून से मानसून की शुरुआत से सामान्य तौर पर होने वाली 521.8 मिमी बारिश की तुलना में अभी तक 555 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
देश के ज़्यादातर हिस्सों में साल जोरदार बारिश हुई। मॉनसून के चार महीनों में सबसे अधिक वर्षा वाले माह अगस्त में 26.6% अधिक वर्षा दर्ज की गई। अगस्त में 47 वर्षों के बाद देश ने इतनी ज़्यादा बारिश देखी है। इससे पहले वर्ष 1973 में सामान्य से 27% अधिक वर्षा अगस्त में दर्ज की गई थी।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को उत्तर और दक्षिण भारत के साथ ही पूर्वोत्तर के कई हिस्सों में अगले तीन दिन के लिए भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
मौसम विभाग ने कहा है कि पश्चिमी राजस्थान के दूर-दराज के इलाकों में मंगलवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है।साथ ही मौसम विभाग ने कहा कि देश में अगस्त के महीने में पिछले 44 साल में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई।
मध्यप्रदेश में हुई भारी बारिश के कारण इससे लगे महाराष्ट्र के विदर्भ के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। विदर्भ के बाढ़ प्रभावित भंडारा और चंद्रपुर जिले से तीन हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
44 साल बाद इस वर्ष मौसम अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस बार ठंड भी जल्द दस्तक देगी और पूरे सितंबर माह तक झमाझम होने की संभावना है। देशभर में अगस्त में अधिक वर्षा, हवा की दिशा में परिवर्तन और समुद्र की सतह का पानी ठंडा होना ला नीना के असर का संकेत कर रहे हैं।
पिछले 100 वर्षों में अगस्त महीने में सबसे ज़्यादा बारिश 1926 में रिकॉर्ड की गई थी जब औसत से 33.7% अधिक वर्षा हुई थी। उसके बाद से 10 ऐसे अवसर रहे हैं जब सामान्य से 20% अधिक बारिश हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार मध्य भारत श्रेणी वाले इस हिस्से में अगस्त महीने में अब तक सबसे अधिक 482.8 मिमि बारिश दर्ज की गई है। बारिश में यह बढ़ोतरी जुलाई में मानसून के कमजोर रहने के बाद देखने को मिली है। बारिश से खरीफ की फसलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि मध्य भारत के कुछ हिस्सों विशेष कर मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण बाढ़ का सामना करना पड़ा है, जो चिंता का विषय है। इन इलाकों में तिलहन और दाल का उत्पादन महत्वपूर्ण है।
मौसम विभाग ने सरहदी बाड़मेर व जैसलमेर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जैसलमेर में कल रात से बारिश हो रही है। अब तक 5 इंच पानी बरस चुका है। पूरे जैसलमेर में हो रही बारिश के कारण कई बरसाती नदी-नालों में उफान आ गया है।
मौसम विज्ञानी सुनील पांडेय ने बताया कि अगस्त की वर्षा ने पिछले 44 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है, जबकि हवा में 3 दिन से ठंडक महसूस हो रही है। इससे ला नीना के सक्रिय होने की पूरी संभावना है। इसका असर इंडोनेशियाई क्षेत्र, मैक्सिको की खाड़ी, दक्षिणी अमेरिका समेत कई द्वीप पर पड़ेगा।
44 साल बाद इस वर्ष मौसम अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस बार ठंड भी जल्द दस्तक देगी और पूरे सितंबर माह तक झमाझम होने की संभावना है। देशभर में अगस्त में अधिक वर्षा, हवा की दिशा में परिवर्तन और समुद्र की सतह का पानी ठंडा होना ला नीना के असर का संकेत कर रहे हैं।
पिछले 100 वर्षों में अगस्त महीने में सबसे ज़्यादा बारिश 1926 में रिकॉर्ड की गई थी जब औसत से 33.7% अधिक वर्षा हुई थी। उसके बाद से 10 ऐसे अवसर रहे हैं जब सामान्य से 20% अधिक बारिश हुई है।
मैनपुरी में दो दिनों तक मौसम के तेवर ठंडे रहने के बाद सोमवार को एक बार फिर गर्मी बढ़ गई। सुबह से ही निकली धूप के चलते लोग गर्मी से बेहाल रहे। अधिकतम तापमान भी बढ़कर 33 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
सोमवार को सुबह में धूप निकलने के साथ ही आसमान में काली घटा छा गई। पानीपथ जिलेे के कुछ क्षेत्रों में बारिश भी हुई। प्रतापनगर में दो एमएम बारिश दर्ज की गई। बारिश होने से तापमान में आई गिरावट से लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली। जिले में न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
सोमवार को पानीपथ में अधिकतर समय बादल छाए रहने से मौसम खुशगवार बना रहा। दिन में कुछ देर के लिए धूप भी निकली लेकिन, फिर बादल छा गए। बादलों की लुकाछिपी से तापमान में गिरावट है।
हरियाणा में औसत के अनुसार अब तक मानसून लगभग सामान्य रहा है। यहां सामान्य से सिर्फ 2 फीसद बरसात कम हुई है, मगर रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, रोहतक व पंचकूला ऐसे जिले हैं जहां सबसे कम पानी बरसा है। प्रदेश के 11 जिलों में सामान्य से कम व 11 जिलों में सामान्य से अधिक बरसात हुई है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून के कमजोर पड़ने से राज्य के कई स्थानों का मौसम शुष्क हो गया है। पटना सहित कुछ जिलों में हल्के बादल है। जिसके कारण धूप-छांव की लुकाछुपी चल रही है। इसकी वजह से राज्य के अधिकांश इलाकों में बारिश नहीं हो रही। इससे किसानों की परेशानी बढ़ रही है।
उत्तराखंड में मौसम करवट बदल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल मौसम का मिजाज भले ही नरम हो, लेकिन दो सितंबर से बारिश में तेजी आने की संभावना है। इस बीच भूस्खलन से सड़कों के बाधित होने का क्रम बना हुआ है। वहीं पिथौरागढ़ में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर एक ग्रामीण की मौत हो गई।
मसूरी-देहरादून हाइवे बीती देर रात से चूनाखाल के समीप ग्लोगी पॉवर हाउस के उपर लगातार भूस्खलन होने से बाधित है। पीडब्ल्यूडी के जेई पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि लगातार मलबा गिरने से लेबर काम नहीं कर पा रहे हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर में भी आज भारी बारिश का अनुमान है। बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवाती तूफान से दक्षिण भारत के राज्यों में बारिश का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में पिछले करीब एक पखवाड़े से सुस्त मानसून के जल्द जोर पकड़ने की संभावना है। आंचलिक मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर बारिश हुई। इस अवधि में मुरादाबाद में तीन सेंटीमीटर तथा महरौनी, सोरांव एवं झांसी में दो-दो सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। मौसम केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान राज्य में कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। यह सिलसिला एक सितंबर तक जारी रहने का अनुमान है। मगर दो सितंबर से मौसम बदलने और राज्य के अनेक इलाकों में वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार मानसून ने अगस्त में जबरदस्त वापसी की है। विभाग के अनुसार साल 1901 के बाद इस बार अगस्त में सबसे अधिक बारिश हुई है। अगस्त में 26 फीसदी अधिक बारिश होने का अनुमान है। मध्य भारत के राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश में पहले ही अधिक बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार मध्य भारत श्रेणी वाले इस हिस्से में अगस्त महीने में अब तक सबसे अधिक 482.8 मिमि बारिश दर्ज की गई है। बारिश में यह बढ़ोतरी जुलाई में मानसून के कमजोर रहने के बाद देखने को मिली है। बारिश से खरीफ की फसलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि मध्य भारत के कुछ हिस्सों विशेष कर मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण बाढ़ का सामना करना पड़ा है, जो चिंता का विषय है। इन इलाकों में तिलहन और दाल का उत्पादन महत्वपूर्ण है।