दिल्ली एनसीआर में सितंबर के महीने में भी अप्रैल-मई जैसी गर्मी पड़ रही है। दिल्ली वासी उमस भरी गर्मी झेलने को विवश हैं। मौसम विभाग की मानें तो 30 सितंबर तक मानसून हरियाणा को अलविदा कह सकता है। इस बीच हरियाणा सहित पंजाब, दिल्ली और एनसीआर में बादल छा सकते हैं और हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
तेज धूप की चुभन और उमस पसीना पोंछने पर मजबूर कर ही रही है, अभी भी बिना एसी के गुजारा नहीं हो पा रहा है। वहीं बरसात न होने के चलते हरियाणा में भी लोग गर्मी और उमस से बेहाल हैं। करीब 10 दिन से उत्तर भारत के क्षेत्रों में बरसात नहीं हुई है। इससे मौसम लगातार गर्म व शुष्क बना हुआ है।
भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘‘ये उन मौसम के ‘पैटर्न’ में से एक है जो हम तब देखते हैं कि जब मानसून की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल होती हैं। 20 सितंबर से हम पश्चिम राजस्थान में मानसून की बारिश की संभावना नहीं देखते हैं।’’आईएमडी ने इस वर्ष मानसून की वापसी की तारीखों को संशोधित किया है।
नयी सारणी के अनुसार, मानूसन के 17 सितंबर को वापस जाने की उम्मीद थी। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र होने के कारण इसकी वापसी में देरी हुई है।पश्चिम राजस्थान से मानसून की वापसी से ठंड के लिए स्थितियां अनुकूल बनती हैं।मध्य और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में अगले दो दिनों के दौरान भारी वर्षा होने की उम्मीद है।आईएमडी ने केरल, गोवा और कर्नाटक एवं महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में शनिवार के लिए आरेंज चेतावनी जारी की है। अभी तक देश में सामान्य से सात प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।
मौसम विभाग के मुताबिक 21 से 23 सितंबर के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में 22 सितंबर को और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 22 और 23 सितंबर को अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है।
दिल्ली में शुक्रवार को लगातार 11वें दिन वर्षा नहीं हुई, हालांकि मौसम विभाग के पूर्वानुमान में हल्की बूंदाबांदी की संभावना जतायी गई थी। मानसून हालांकि अभी समाप्त नहीं हुआ है लेकिन सफदरजंग वेधशाला ने पिछली बार वर्षा (1.3 मिलीमीटर) आठ सितम्बर को दर्ज की थी।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में शनिवार की शाम कई हिस्सों में हल्की बारिश देखने को मिली। इस दौरान धूप और उमस से लोगों को हल्की राहत मिली है।
मौसम विज्ञान विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में अगले तीन दिनों तक मौसम शुष्क रहने का पूर्वानुमान जताया है। दिल्ली में पिछले 11 दिन से बारिश नहीं हुई है, जबकि मानसून अभी खत्म नहीं हुआ है। सफदरजंग वेधशाला ने आठ सितम्बर को 1.3 मिमी बारिश दर्ज की थी।
मध्य प्रदेश के ज़्यादातर इलाकों में बादल छाए हुए हैं जिसके चलते उमस भरी गर्मी हो रही है। उमस के चलते लोगो बेहाल हैं और परेशान हैं। जबलपुर, कटनी, सतना, रीवा और दमोह जैसे इलाकों में तापमान बढ़ गया है।
छत्तीसगढ़ में आज अच्छी वर्षा के आसार है। मौसम विभाग ने कहा है कि शनिवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों, खासकर छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। आपको बता दें कि पिछले 24 घंटे में राज्य में हल्की से मध्यम वर्षा कई स्थानों पर देखने को मिली है।
मौसम विभाग ने गोवा से लेकर तटीय कर्नाटक और केरल तक में आज भारी मूसलाधार बारिश की संभावना जतायी है। स्काईमेट वेदर रिपोर्ट की मानें तो इन क्षेत्रों में पहले के मुताबिक बारिश गतिविधियां और बढ़ गयी है।
तटीय कर्नाटक में आज मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग की मानें तो आंतरिक कर्नाटक के उत्तरी हिस्सों में भी मौसम का यही हाल रहेगा। इसके अलावा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में मानसून के कमजोर रहने के आसार है। हालांकि, जल्द ही इन क्षेत्रों में भारी होने के आसार है। फिलहाल, आगामी 24 घंटे के भीतर यहां का मानसून सुस्त ही बना रहेगा।
उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में सर्वाधिक वर्षा गोरखपुर जिले में हुई है। पिछले चौबीस घंटे में 39.9 मिलीमीटर बारिश होने से तापमान में गिरावट आई है। लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिली है।
हरियाणा में सबसे अधिक तापमान हिसार में 39.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में भी उमस रही और वहां अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पंजाब में, पटियाला में अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री अधिक था।
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में भारी वर्षा के बाद, जयकवाड़ी बांध के सभी 27 गेट खोल दिए गए हैं। जयकवाड़ी बांध से छोड़े जाने वाला पानी 94,320 क्यूसेक (क्यूबिक फुट प्रति सेकंड) तक पहुंच गया है और राजस्व विभाग को अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि, उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क और आर्द्र बना रहा। पंजाब और हरियाणा में उमस भरे मौसम से कोई राहत नहीं मिली क्योंकि पारा सामान्य स्तर से ऊपर दर्ज किया गया।
मौसम केंद्र ने मछुआरों को 20 सितंबर से ओडिशा तट से गहरे समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी है और कहा कि गहरे समुद्र में रहने वालों को रविवार तक तट पर लौटने की सलाह दी जाती है। मौसम के पूर्वानुमान के मद्देनजर, विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने जिलाधिकारियों को एक सलाह जारी की और उनसे कहा कि वे बाढ़ जैसी किसी भी स्थिति और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन से निपटने के लिए तैयार रहें। एसआरसी ने जिलाधिकारियों से स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के लिए कहा।
आईएमडी ने केरल, गोवा तथा कर्नाटक एवं महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में शनिवार के लिए आरेंज चेतावनी जारी की है। ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और गोवा के लिए रविवार को भी आरेंज चेतावनी जारी की गई है। अभी तक देश में सामान्य से सात प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। ओडिशा में, राज्य सरकार ने जिला प्रशासनों से कहा है कि वह किसी भी बाढ़ जैसी स्थिति और भूस्खलन से निपटने के लिए तैयार रहें क्योंकि 20 सितंबर के आसपास उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में एक कम तबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में बारिश नहीं होने से तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में सितंबर में अब तक 78 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। कुल मिलाकर, एक जून से मॉनसून शुरू होने के बाद से शहर में 617.8 मिमी सामान्य की तुलना में 576.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। आईएमडी ने यह भी कहा है कि मॉनसून के दिल्ली में लंबे समय तक रहने और इसके जाने की शुरुआत अक्टूबर के शुरुआती दिनों में होने की संभावना है।
पूरी रात हुई जोरदार गरज के साथ बारिश में मैथन ने पूरे झारखंड में रिकॉर्ड बनाया। यहां 151.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही धनबाद में अब तक हुई कम बारिश का ग्राफ 21 से घटकर 15 फीसद पर पहुंच गया है। यहां रोज बारिश का ग्राफ एक प्रतिशत गिर रहा था। आंकड़ों के अनुसार एक जून से 17 सितंबर तक धनबाद में होनेवाली सामान्य बारिश में 21 फीसद तक की कमी दर्ज की गई थी। अब एक दिन में ही यह ग्राफ 15 प्रतिशत पर पहुंच गया है। ताजा आंकड़े के अनुसार सामान्य बारिश का अनुपात 1002.3 एमएम होना चाहिए जो अब तक 853.9 एमएम ही है।
बंगाल की खाड़ी में कई स्थानों में निम्न दबाव बनने से 20 सितंबर के आसपास ओडिशा में एक बार फिर भारी बरसात की संभावना है। लिहाजा, पश्चिमी राजस्थान से अगले हफ्ते के अंत तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के वापस लौटने के आसार हैं। विभाग ने कहा कि अगले दो दिनों में मानसून के वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल होने की उम्मीद है। उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में तापमान सामान्य से ऊपर दर्ज किया जा रहा है।
दिल्ली एनसीआर में तापमान भी कम होने का नाम नहीं ले रहा। सितंबर के पहले सात दिनों में अधिकतम तापमान सामान्यतया 34.3 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, लेकिन इस बार दर्ज हुआ 36 डिग्री से भी अधिक। इसी तरह आठ से 17 सितंबर के दौरान अधिकतम तापमान 33.7 से 33.8 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, जबकि इस साल यह 37 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर दर्ज किया गया।
दिल्ली में तापमान कम होने का नाम नहीं ले रहा। सितंबर के पहले सात दिनों में अधिकतम तापमान सामान्यतया 34.3 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, लेकिन इस बार दर्ज हुआ 36 डिग्री से भी अधिक। इसी तरह आठ से 17 सितंबर के दौरान अधिकतम तापमान 33.7 से 33.8 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, जबकि इस साल यह 37 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर दर्ज किया गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक ओडिशा, तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, केरल और अंडमान और निकोबार क्षेत्र में 19 और 20 सितंबर को व्यापक रूप से मूसलाधार बारिश होने सकती है। राजस्थान के गंगानगर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक हवा का निम्न दबाव बने रहने की संभावना जताई गई है।
भारतीय मौसम विभाग ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिमी राजस्थान से दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी अगले सप्ताह के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।विभाग ने कहा कि अगले दो दिनों में मानसून के वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल होने की उम्मीद है। उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में तापमान सामान्य से ऊपर दर्ज किया जा रहा है।भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘‘ये उन मौसम के ‘पैटर्न’ में से एक है जो हम तब देखते हैं कि जब मानसून की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल होती हैं। 20 सितंबर से हम पश्चिम राजस्थान में मानसून की बारिश की संभावना नहीं देखते हैं।’’आईएमडी ने इस वर्ष मानसून की वापसी की तारीखों को संशोधित किया है।नयी सारणी के अनुसार, मानूसन के 17 सितंबर को वापस जाने की उम्मीद थी। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र होने के कारण इसकी वापसी में देरी हुई है।पश्चिम राजस्थान से मानसून की वापसी से ठंड के लिए स्थितियां अनुकूल बनती हैं।मध्य और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में अगले दो दिनों के दौरान भारी वर्षा होने की उम्मीद है।
गुजरात में कम बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक सौराष्ट्र क्षेत्र में बारिश काफी कम होगी। हालांकि, गुजरात के पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों में वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विज्ञान विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को हल्की बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया है। दिल्ली में पिछले 10 दिन से बारिश नहीं हुई है, जबकि मानसून अभी खत्म नहीं हुआ है। सफदरजंग वेधशाला ने आठ सितम्बर को 1.3 मिमी बारिश दर्ज की थी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार सितम्बर में दिल्ली में अभी तक 78 प्रतिशत कम बारिश हुई है। सफदरजंग वेधशाला ने इस महीने सामान्य 94 मिमी की तुलना में 20.9 मिमी बारिश दर्ज की है। दिल्ली में इस बार सामान्य से दो दिन पहले 25 जून को मानसून पहुंच गया था।
दिल्ली-एनसीआर में उमस का दौर जारी है। शुक्रवार सुबह भी दफ्तरों के जाने वाले पसीने से तर नजर आए। इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के आसमान में शुक्रवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। हल्की बारिश होने के आसार हैं।
देहरादून समेत कुछ जिलों में हल्की बौछारें पड़ी। इससे उमस से भी राहत मिली। मौसम विभाग ने शुक्रवार को कुमाऊं में भारी बारिश की आशंका जताई है। साथ ही, देहरादून, टिहरी और पौड़ी में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पिछले कुछ दिनों से देहरादून समेत अन्य मैदानी जिलों में उमस से लोग बेहाल हैं।
पिछले कुछ दिन सुस्त रहने के बाद उत्तराखंड में कुछ जगह मानसून गति पकड़ सकता है। कुमाऊं के बागेश्वर, पिथौरागढ़, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में अगले तीन दिन भारी बारिश की आशंका है। जबकि, देहरादून में भी हल्की से मध्यम बारिश का क्रम बना रह सकता है।
धनबाद में बारिश का ग्राफ अब भी कम ही है। यहां हर रोज बारिश का ग्राफ एक प्रतिशत गिर रहा है। आंकड़ों के अनुसार, एक जून से 17 सितंबर तक धनबाद में होनेवाली सामान्य बारिश में 21 फीसद तक की कमी दर्ज की गई है। मौसम विभाग के आंकड़े के अनुसार, सामान्य बारिश का अनुपात 993.5 एमएम होना चाहिए जो अब तक 784.4 एमएम ही है। इससे पहले उम्मीद की जा रही थी कि बाद में बारिश होने से इसमें कमी आएगी।
मौसम विभाग के अनुसार, धनबाद में यह बदलाव हिमालय की ओर बढ़ रहे मानसूनी बादलों की वजह से आया है। मानसूनी बादल हिमालय के नजदीक से गुजर रहे हैं और उत्तर पूर्व की ओर जा रहे हैं। हिमालय की ओर के बादल इस ओर भी आ रहे हैं जिससे यहां की आबोहवा बदल गई है।
धनबाद जिले में पिछले तीन चार दिनों की गर्मी के बाद गुरुवार की रात में जमकर बारिश हुई, जिससे शुक्रवार की सुबह लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली है। हांलाकि, गुरुवार को दिन भर बादलों की आवाजाही के साथ ही आसमान दहाड़ते रहा। इस दौरान कई जगह आसमानी बिजली भी गिरी। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के 18 जिलों में गर्जन के साथ हल्के व माध्यम दर्जे की बारिश के साथ वज्रपात की भी संभावना जताई गई थी। इस दौरान धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, गुमला, देवघर, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, साहेबगंज जिले के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में गर्जन के साथ वज्रपात और मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है।
मध्य प्रदेश के ज़्यादातर हिस्सों में आज बादल छाए हुए हैं जिसके चलते उमस भरी गर्मी हो रही है। जबलपुर, कटनी, मांडला, सतना, रीवा और दमोह में सुबह से धूप निकली हुई है। जिसकी वजह से इन इलाकों का तापमान बढ़ गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश, वीरभद्र, बिहार, झारखंड, केंद्रीय महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, ओडिशा, तेलंगावा, गुजरात, दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश, दक्षिणी राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और छत्तीसगढ़ में हल्की आंधी के साथ हल्की बूंदाबांदी की चेतावनी भी दी है।
इन क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि सिस्टम का असर उत्तर भारत के कुछ इलाकों तक दिखेगा और राजस्थान तथा दिल्ली एनसीआर पर भी बादल आ जाएंगे। लेकिन बारिश इन भागों में अच्छी होगी ऐसे संकेत फिलहाल नहीं मिल रहे हैं। राजस्थान की तरफ इसके न जाने को हम इस बात का संकेत मान सकते हैं कि मॉनसून पश्चिमी राजस्थान से अपनी वापसी की शुरुआत सितंबर के आखिर में कर सकता है और पश्चिमी राजस्थान से शुरू होते ही यह समूचे उत्तर भारत को अलविदा कह देगा।
अगले दो दिनों तक मौसम की स्थिति ऐसी ही बनी रहने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों में तेज बारिश पड़ने की संभावना जताई है। इन अनुकूल परिस्थितियों की वजह से अगले तीन दिनों तक आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, तेलंगाना, केंद्रीय महराष्ट्र, मराठवाड़ा, कर्नाटक के तटीय और उत्तरीय इलाके, केरल में काफा ज्यादा और तेज बारिश पड़ सकती है।
मानसून गर्त अपनी सामान्य स्थिति के उत्तर में स्थित है, जो कि राजस्थान के गंगानगर से बंगाल की खाड़ी तक जाता है। इसके अलावा मानसून गर्त का पश्चिमी छोर के अगले पांच दिनों के दौरान हिमालय की तलटही में रहने की संभावना है और पूर्वी छोर के 19 सितंबर से दक्षिण की ओर जाने की संभावना है।
बंगाल की खाड़ी में 20 सितंबर को एक प्रभावी निम्न दबाव का क्षेत्र म्यांमार की तरफ से आने वाला है। बंगाल की खाड़ी में सितंबर महीने का यह पहला डिप्रेशन भी हो सकता है। इसके प्रभाव से देश के अधिकांश इलाकों में बारिश की गतिविधियां बढ़ने वाली हैं, सिवाय उत्तर भारत के। उत्तर भारत में शुष्क मौसम और गर्मी का प्रकोप लंबे समय से जारी है।
झारखंड के मौसम का हाल झारखंड में पिछले तीन-चार दिनों से गर्मी बढ़ गई। तापमान सामान्य से अधिक हो गया है। मौसम विभाग ने बताया कि 17 और 18 सितंबर को राज्य के सभी जिलों में बारिश होने का अनुमान है। 18 सितंबर को वज्रपात की भी आशंका है। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के कारण 22 सितंबर से फिर मानसून सक्रिय रह सकता है।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन दिनों तक आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, तेलंगाना, केंद्रीय महराष्ट्र, मराठवाड़ा, कर्नाटक के तटीय और उत्तरीय इलाके, केरल में काफा ज्यादा और तेज बारिश पड़ सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक ओडिशा, तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, केरल और अंडमान और निकोबार क्षेत्र में 19 और 20 सितंबर को व्यापक रूप से मूसलाधार बारिश होने सकती है। राजस्थान के गंगानगर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक हवा का निम्न दबाव बने रहने की संभावना जताई गई है।
अमेरिका के जॉर्जिया में तूफान ‘सैली’ के कारण कई पेड़ गिर गए और बारिश की वजह से सड़कों पर पानी भर गया। बारिश के कारण कई राजमार्गों को बंद करना पड़ा। मध्य जॉर्जिया में ‘रॉबिन्स एयर फोर्स बेस’ ने पानी भरने के कारण बृहस्पतिवार सुबह अपना एक प्रवेश द्वार बंद कर दिया। प्राधिकारियों ने सचेत किया है कि तूफान के कारण आई बारिश की वजह से फ्लोरिडा और अल्बामा में आठ जलमार्गों में जलस्तर रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ सकता है। ‘गल्फ कोस्ट’ में बुधवार को श्रेणी दो के रूप में सैली तूफान आया था, जो अब कमजोर ऊष्णकटिबंधीय तूफान में तब्दील हो गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने 19 और 20 सितंबर यानि अगले दो दिनों के लिए तेज बारिश होने की संभावना जताई है। बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिमी इलाके में कम दबाव वाला क्षेत्र बन रहा है, जिससे ओडिशा, कर्नाटक के तटीय इलाकों, केरल और अंडमान और निकोबार में भारी बारिश होने की संभावना है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ओडिशा में 20 सितंबर से 23 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की, जिसके बाद राज्य सरकार ने सभी जिलों को बुधवार को सतर्क कर दिया। इस बीच, उत्तर भारत में मौसम शुष्क और गर्म बना रहा। दिल्ली में लगातार आठवें दिन बारिश नहीं हुई। पंजाब और हरियाणा में गर्मी से कोई राहत नहीं मिली और तापमान सामान्य से ऊपर बना रहा। आईएमडी के डेटा के अनुसार दिल्ली में अब तक सितंबर में 77 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। आईएमडी ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण ओडिशा में 20 सितंबर से चार दिन तक भारी बारिश होने की संभावना है और उसने मछुआरों को गहरे पानी में नहीं जाने की सलाह दी। इस चेतावनी के मद्देनजर विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने राज्य के सभी जिला प्रशासनों से हालात से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। इस बीच, उत्तर प्रदेश में विभिन्न इलाकों में पिछले 24 घंटे में कहीं भारी, तो कहीं हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग ने बुधवार को बताया कि प्रदेश के कई इलाकों में गरज के साथ बौछारें भी पड़ीं।