Weather forecast Report Today, Monsoon and Temperature 19 June, 2019 News Updates: उत्तर प्रदेश में बुधवार (19 जून, 2019) को कहीं-कहीं हुई बारिश ने लोगों को गर्मी से कुछ राहत दी। कुछ जगहों पर आंधी भी आयी। इटावा में सबसे अधिक 43.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने बताया कि सबसे अधिक दो सेंटीमीटर पानी अतर्रा और नारायणी में गिरा।
हमीरपुर में एक सेंटीमीटर बारिश रिकार्ड की गयी। राजधानी लखनऊ में भी सुबह से बादल छाये थे और दोपहर बाद बूंदाबांदी हुई। विभाग ने अगले 24 घंटे के बारे में अनुमान व्यक्त किया कि कहीं कहीं आंधी पानी आएगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम आम तौर पर शुष्क रहेगा।
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राजस्थान के बीकानेर में बुधवार को धूल भरी आंधी चलने के दौरान शहर में कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला। (फोटोः पीटीआई)
मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि गुजरात के कच्छ इलाके पर बना कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी मध्य प्रदेश और दक्षिणी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ गया है। इस कम दबाव के क्षेत्र के कारण गुजरात के उत्तरी जिलों और सौराष्ट्र में भारी बारिश हुई है। आईएमडी ने कहा कि अगले दो दिनों में गुजरात में अधिकतम तापमान दो से तीन डिग्री तक बढ़ सकता है और कच्छ के अलावा राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है।
आईएमडी ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कल जो कम दबाव का क्षेत्र बना था वह अब ऊपरी चक्रवात के साथ मध्य प्रदेश के उत्तरी इलाकों और उत्तर प्रदेश के दक्षिणी इलाकों की ओर बढ़ गया है। इससे कच्छ में आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना क्षीण हो गई है और यहां मौसम साफ बना रहेगा। अगले दो दिनों में राज्य के दूरदराज के इलाकों में बारिश हो सकती है।
राजस्थान में मानसून से पहले की बारिश का दौर जारी है। बीते चौबीस घंटे में पूर्वी व पश्चिमी राजस्थान में अनेक जगह पर बारिश हुई, वहीं दिन का अधिकतम तापमान गंगानगर में 41.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार बीते चौबीस घंटे में प्रतापगढ़ में 28, चित्तौड़गढ़ में 19, डूंगरपुर के निठुआ में 17, बांसवाड़ा के जगपुरा में 15, उदयपुर के मावली में 12 सेमी बारिश दर्ज की गयी। पूर्वी राजस्थान के लगभग सभी जिलों में अच्छी बारिश का समाचार है जिनमें उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ शामिल है।
बुधवार दिन में बाड़मेर में 9.6 मिमी बारिश दर्ज की गयी। दिन का तापमान गंगानगर में 41.3 डिग्री, बाड़मेर में 40.5 डिग्री, बीकानेर में 40.0 डिग्री, चुरू में 39.6 डिग्री और जोधपुर में 39.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। विभाग ने आगामी चौबीस घंटे में पूर्वी व पश्चिम राजस्थान में तेज हवा चलने, बादल छाये रहने का अनुमान जताया है।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में मंगलवार रात भीषण बारिश हुई। बोदियाना गांव में जगह-जगह इससे सड़कें जलमग्न हो गई थीं। ऐसे में बुधवार सुबह एक बस नाले में जा फंसी। हालांकि, आनन-फानन राहत बचाव कार्य किया गया, जिसमें सभी 35 यात्रियों को सही सलामत बचा लिया गया। एडीएम मुकेश कुमार कलाल ने इस बारे में एएनआई से कहा, "सभी बस यात्रियों को रेस्क्यू करा लिया गया है, जबकि हमारी डिफेंस टीम ने भी बढ़िया काम किया है। पुलिस भी यहां मौजूद है।"
राजधानी दिल्ली में पिछले चार दिनों से मौसम का मिजाज सुहावना है। दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में सोमवार शाम शुरू हुई बारिश मंगलवार तक जारी रही। मंगलवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का अनुमान है कि आगामी दो-तीन दिनों में भी हल्की बारिश होने व तेज हवाएं चलने की संभावना है।
देश के अधिकतर राज्यों में मानसून जल्द ही दस्तक देने वाला है। स्काइमेट के मुताबिक 18 से 24 जून के बीच पंजाब के कई हिस्सों में आंधी और बारिश आने का अनुमान है। अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, मोगा, होशियारपुर में धुल भरी आंधी के साथ हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। इसके लिए किसानों को चेतावनी जारी की गई है कि वह अपनी फसलों को लेकर सतर्कता बरतें। स्काइमेट के अनुसार, तेलंगाना में 23 से 25 जून के बीच हल्की बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने आज बेंगलुरु के कुछ इलाकों में हल्की बारिश की भविष्यवाणी की है। भारत मौसम विज्ञान विभाग की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, बैंगलोर पूरे दिन में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे।
मानसून ने दक्षिणी राज्य, केरल में सात जून को प्रवेश किया था। भारत में साल भर की बरसात में मानसून की बारिश का हिस्सा 70 प्रतिशत से भी अधिक का है जो इस देश के फसल उत्पादन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स संघ (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने बताया कि समग्र फसल उत्पादन के लिए अंतराल के साथ वर्षा भी बहुत महत्वपूर्ण है। गुजरात में, कुछ जिलों में चक्रवात वायू के बाद वर्षा हुई, लेकिन बाकी राज्य अभी भी शुष्क हैं।
भारतीय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स संघ (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने बताया, "इस साल मानसून के आगमन में देरी हुई है, जिससे फसलों की बुवाई में देरी हो सकती है, लेकिन अभी से किसी परिणाम की भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी।" मेहता ने कहा, "सोयाबीन, दलहन और मूंगफली जैसी फसलों की बुआई में 8-10 दिनों की देर हुई है। अभी भी समय है। हालांकि, अगर बारिश में एक सप्ताह से अधिक समय की देर होती है तो यह थोड़ा चिंताजनक होगा क्योंकि किसान अन्य फसलों की ओर रुख कर लेंगे।
राजधानी पणजी सहित गोवा के कुछ हिस्सों में पिछले चौबीस घंटों में कई बार रुक-रुककर बारिश हुई जिसके कारण तटीय राज्य में मौसम सुहावना रहा। मौसम विभाग ने बताया कि आमतौर पर जून के पहले सप्ताह में मानसून गोवा पहुंच जाता है। मानसून के पहुंचने में इस साल पहले ही देरी हो गई है और राज्य में अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हुई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने एक बुलेटिन में बताया कि उत्तरी गोवा और दक्षिणी गोवा के जिलों के कुछ हिस्सों में सुबह हल्की बारिश हुई। उन्होंने बताया कि अगले दो दिनों में राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश या गरज के साथ लगातार छीटें पड़ने की संभावना है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मौसम पिछले चार दिनों से मुहावना बना हुआ है। मंगलवार को दिल्ली के रिज ऑब्जर्वेटरी ने अपना अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जो सामान्य से 5 डिग्री कम था। इसके बाद अयानगर 35.9/ -4, सफदरजंग 35/ -4 और पालम 36.8/ -3 दर्ज किया गया। स्काईमेट की खबर के मुताबिक बारिश के लिए परिस्थितियां आज भी अनुकूल रहेंगी। दिल्ली में आज फिर बादलों के गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है। उम्मीद है कि अगले 48 घंटे तक दिल्ली में इसी तरह की स्थिति बनी रहेगी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने महाराष्ट्र के बारे में अगले पांच दिनों के लिए अपने पूर्वानुमान को संशोधित करते हुए रविवार तक पूरे राज्य में हल्की बारिश होने की भविष्यवाणी की है। दोपहर में यहां जारी एक बयान में मौसम विभाग ने कोंकण और गोवा में बुधवार को व्यापक वर्षा की भविष्यवाणी की, जबकि मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के कारण कहीं-कहीं बारिश होगी। बयान में कहा गया है कि मराठवाड़ा में शनिवार तक छिटपुट बारिश होगी और रविवार को तेज बारिश होगी। एक अधिकारी ने कहा कि विदर्भ में मंगलवार और बुधवार को हल्की बारिश होगी और रविवार को तेज बारिश होगी। दक्षिण पश्चिम मानसून अभी तक महाराष्ट्र नहीं पहुंचा है।
भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार (19 जून, 2019) सुबह एक नोट जारी कर कहा कि अगले दो-तीन दिनो में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां मध्य अरब सागर, कर्नाटक के कुछ और हिस्सों, दक्षिण कोंकण और गोवा, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के शेष हिस्सों, बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, उत्तर भारत के शेष हिस्सों के लिए अनुकूल होती जा रही हैं।
मानसून आने में एक सप्ताह की देर से कपास, सोयाबीन, मूंगफली और दलहनों की बुवाई में देरी हुई है। माना जा रहा है कि इससे आगे फसल की आवक भी धीमी रह सकती है। उद्योग संगठनों ने यह राय व्यक्त किये हैं। भारतीय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स संघ (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने बताया, "इस साल मानसून के आगमन में देरी हुई है, जिससे फसलों की बुवाई में देरी हो सकती है, लेकिन अभी से किसी परिणाम की भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी।"
दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में बुधवार को दिन के दौरान आसमान में आमतौर पर बादल छाये रहेंगे। हल्की बारिश, गरज के साथ छींटे और 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने के कारण तापमान नियंत्रित रहेगा। मौसम को लेकर पूर्वानुमान व्यक्त करने वाली निजी संस्था ‘स्काईमेट वेदर’ ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के पूर्वी भागों पर एक पश्चिमी विक्षोभ स्थित है और एक चक्रवाती परिसंचरण हरियाणा और इसके आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। अरब सागर से आने वाली आर्द्र हवाएं दिल्ली-एनसीआर सहित भारत के उत्तरी मैदानों में नमी को बढ़ा रही हैं।
मानसून की देरी का सबसे बुरा असर मध्य भारत पर पड़ा है। इस हिस्से में जून में होने वाली बारिश में 57 फीसदी की कमी दर्ज की गई। वहीं दक्षिण भारत में मानसून की 38 फीसदी, पूर्वोत्तर भारत में 43 फीसदी और उत्तर पश्चिमी भारत में 27 फीसदी दर्ज की गई। केरल में भी सामान्य स्थिति से यह एक सप्ताह बाद पहुंचा।
मानसून में देरी के चलते देशभर के अधिकतर क्षेत्रों में गर्मी का कहर जारी है। मौसम विभाग ने बताया कि इस साल का मानसून पिछले 12 वर्षों में सबसे धीमी गति वाला रहा है। अभी तक यह देश के सिर्फ 10-15 फीसदी क्षेत्रों तक ही पहुंच पाया। जबकि भारत का दो-तिहाई हिस्सा आम तौर पर साल के इस समय तक मानसून के दायरे में आ जाता है। एक जून से अभी तक बारिश में देशव्यापी 44 फीसदी की कमी हो चुकी है।
छत्तीसगढ़ में तेज गर्मी से लोगों को आने वाले दिनों में कुछ राहत मिल सकती है क्योंकि मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में कई जगहों पर हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। हालांकि राज्य में मानसून का अभी और इंतजार करना होगा। राजधानी रायपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी एच पी चंद्रा ने बताया कि राज्य में अगले सप्ताह मानसून की बारिश हो सकती है। लेकिन इससे पहले यहां गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर यह है कि आने वाले दो दिनों में राज्य के कई हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को महाराष्ट्र के बारे में अगले पांच दिनों के लिए अपने पूर्वानुमान को संशोधित करते हुए रविवार तक पूरे राज्य में हल्की बारिश होने की भविष्यवाणी की है । दोपहर में यहां जारी एक बयान में मौसम विभाग ने कोंकण और गोवा में बुधवार को व्यापक वर्षा की भविष्यवाणी की, जबकि मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के कारण कहीं-कहीं बारिश होगी। बयान में कहा गया है कि मराठवाड़ा में शनिवार तक छिटपुट बारिश होगी और रविवार को तेज बारिश होगी।