Mumbai Rains, Weather forecast Today India Updates: उमस को लेकर दिल्ली को फिलहाल राहत दिखती नजर नहीं आ रहा है। राजधानी में इस सप्ताह उमस और गर्मी का दौर रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक इस हफ्ते दिल्ली में तापमान भी सामान्य से ज्यादा रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में फिलहाल बारिश की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। छिटपुट बारिश हुई भी तो वह उमस और गर्मी बढ़ेगी ही।
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मौसम से जुड़ी जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक इस दौरान मुंबई में भी मध्यम स्तर की बारिश जारी रहने की संभवना है। इसके अलावा ओडिशा, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में भी हल्की से भारी बारिश अगले 24 घंटों के दौरान होने की संभावना है। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के मौसम की अगर बात करें तो असम पर एक चक्रवाती हवाओं का अक्षेत्र विकसित हुआ है जिसके प्रभाव से उम्मीद की जा रही है कि उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, निचले असम के साथ-साथ पूर्वी बिहार के कुछ हिस्सों में भारी मानसूनी बारिश हो सकती है।
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मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी आज सुबह से ही रौद्र रूप में है। यह नदी नरंसिहपुर एवं खरगोन जिले में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नरंसिहपुर जिले के बरमन घाट में इस नदी का जलस्तर 324.90 मीटर पहुंच गया है, जो वहां पर खतरे के निशान 323 मीटर से 1.90 मीटर अधिक है। वहीं, खरगोन के मोरटक्का में इस नदी का जल स्तर 164.84 मीटर हो गया है, जो वहां पर खतरे के निशान 163.98 मीटर से 0.86 मीटर अधिक है।
उमस को लेकर दिल्ली को फिलहाल राहत दिखती नजर नहीं आ रहा है। राजधानी में इस सप्ताह उमस और गर्मी का दौर रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक इस हफ्ते दिल्ली में तापमान भी सामान्य से ज्यादा रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में फिलहाल बारिश की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। छिटपुट बारिश हुई भी तो वह उमस और गर्मी बढ़ेगी ही।
मध्य प्रदेश में बारिश के चलते आम-जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बारिश के चलते यहां कई सड़कों और स्कूलों में बारिश का पानी भर गया है। बारिश के चलते 6 जिले के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। पिछले 24 घंटे से राज्य में रुक-रुककर बारिश हो रही है।
अभी तक मानसून के पूर्वानुमान की जानकारी दे रहे मौसम विभाग ने अब बारिश के कारण सड़कों को नुकसान पहुंचने, यातायात अवरुद्ध होने और जलभराव, पानी की आपूर्ति प्रभावित होने आदि की सटीक जानकारी इनसे संबद्ध एजेंसियों को देने की शुरुआत की है। इस पहल के तहत विभाग ने स्थानीय निकायों और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सहित सभी एजेंसियों से जरूरी आंकड़े एकत्र कर इनके विश्लेषण के आधार पर बारिश के संभावित प्रभावों की सूचना देने की तैयारी की है।
कर्नाटक के बेलागवी में भारी बारिश के चलते काफी नुकसान हुआ है। कृष्णा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के बाद उत्तर कर्नाटक के कई क्षेत्रों में फिर से बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है। कृष्णा नदी की सहायक नदियां मालप्रभा, घाटप्रभा, वेदगंगा, दूधगंगा और हिरण्यकेशी भी बारिश के चलते उफान पर है।
बारिश के चलते भोपाल में सभी नाले उफान पर हैं और शहर के कलियासोत बांध के 13 में से पांच गेट खोल दिये गये हैं। शहर के कई निचले इलाके जलमग्न हो गये हैं। प्रदेश के कई बांधों के गेट खोले गये हैं, जिनमें खंडवा जिले में स्थित प्रदेश के सबसे बड़ा बांध इंदिरा सागर भी शामिल है। नर्मदा नदी पर बने इस इंदिरा सागर बांध के 20 में से 12 गेट खोले गये हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सोमवार तक भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद सहित प्रदेश के 32 जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है और कहीं-कहीं पर अति भारी वर्षा होने की संभावना है।
निम्म दबाव क्षेत्र की वजह से लगातार हुई बारिश से ओडिशा के कुछ हिस्सों में रविवार को बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गयी जिससे राज्य की मुख्य नदियों का जलस्तर बढ़ गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महानदी नदी के ऊपरी हिस्से में हुई भारी बारिश की वजह से हीराकुंड बांध में जलस्तर बढ़ रहा है और जलाशय से अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए 64 दरवाजों में से 20 खोल दिए गए। अधिकारी ने बताया कि हालांकि राज्य की सभी नदियों में जलस्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है और बड़ी बाढ़ का ‘कोई खतरा नहीं’ है।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पिछले पांच दिन से हो रही बारिश की वजह से भामरागढ़ तहसील के कुछ हिस्से डूब गए हैं और 120 गांवों का संपर्क जिला प्रशासन से टूट गया है। एक राजस्व अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक 500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। भामरागढ़ इंद्रावति नदी और पामुल गौतमी के मिलन संगम के दाएं तट पर स्थित है। अंतिम सूचना के मुताबिक भामरागढ़ को छोड़कर बाकी 11 तहसील बाढ़ से दूर हैं। अधिकारी के अनुसार अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है लेकिन दो व्यक्ति अरामोरी और चमरोसी तहसील से लापता हैं।
जम्मू कश्मीर में चेनाब घाटी क्षेत्र के डोडा और किश्तवाड़ जिलों में रविवार को 4.9 तीव्रता का भूकंप आया। डोडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुमताज अहमद ने बताया कि कहीं से भी जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप सुबह करीब आठ बजकर चार मिनट पर आया और उसके झटके कुछ सेकंड तक महसूस किए गए। इससे भद्रवाह, डोडा और किश्तवाड़ में लोगों के बीच भय व्याप्त हो गया और वे अपने घरों से बाहर निकल आए। मौसम विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि भूकंप का केंद्र 33 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 67.1 डिग्री पूर्वी देशांतर में स्थित था यानी कि भद्रवाह-हिमाचल प्रदेश सीमा के समीप कहीं।
अगर आप अभी भी दिल्ली- NCR में झमाझम बारिश की उम्मीद कर रहे हैं तो छोड़ दीजिए। हल्की-फुल्की भले हो जाए, लेकिन अब तेज बारिश नहीं होने वाली। मानसून दिल्ली को आधा-अधूरा भिगोकर ही रुखसत होने को है। इस साल मानसून के किसी भी महीने में सामान्य बारिश तक नहीं हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है कि इस सप्ताह भी अच्छी बारिश होने के आसार नहीं हैं।
मध्यप्रदेश के अधिकांश भागों में रविवार को जमकर बारिश हुई, जिसके चलते कई जगहों पर सामान्य जनजीवन प्रभावित होने के साथ-साथ भोपाल के फंदा इलाके के उफनते नाले में दो वर्षीय एक बालिका बह गई, जिससे उसकी मौत हो गई। खजूरी पुलिस थाने सहायक पुलिस निरीक्षक राजेश मांझी ने बताया कि शहर के बाहरी इलाके फंदा में प्रकाश सेन की दो वर्षीय बेटी अनुष्का सेन अन्य बच्चों के साथ अपने घर के पास खेल रही थी। इसी दौरान वह फिसल गई और उफनते नाले में गिर कर बह गई, जिससे इससे उसकी मौत हो गई।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में रविवार सुबह दो घंटे 35 मिनट के भीतर तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। चंबा की पुलिस अधीक्षक मोनिका भुटुंगुरु ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया अभी तक जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। शिमला मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि रविवार सुबह साढ़े पांच बजे जिले में कम तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केन्द्र उत्तर पूर्व चंबा में 10 किलोमीटर की गहराई में था। बाद में दो घंटे 35 मिनट के भीतर जम्मू-कश्मीर की सीमा से लगे चंबा समेत राज्य के कुछ इलाकों में फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। पड़ोसी राज्य में सुबह आठ बजकर चार मिनट पर भूकंप की तीव्रता 4.9 मापी गयी। उन्होंने बताया कि भूकंप का केंद्र जम्मू-कश्मीर में स्थित था। चंबा जिले की सीमा से लगती जम्मू-कश्मीर के इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। गौरतलब है कि चंबा जिले सहित राज्य के अधिकतर हिस्से उच्च भूकंपीय संवेदनशील क्षेत्र में आते हैं।