इस समय मौसम में सबसे अधिक हलचल दक्षिण भारत में देखने को मिल रही है, चूंकि ये समय उत्तर पूर्वी मानसून का है। बंगाल की खाड़ी में बने सर्कुलेशन के चलते तटीय तमिलनाडु के शहरों में बारिश की गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद है। चेन्नई और आसपास के शहरों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। प्रदेश के आंतरिक भागों में भी बारिश का अनुमान है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पहले की तरह हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी
मौसम से जुड़ी जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक भीषण चक्रवाती तूफान क्यार भारत के पश्चिमी तटों से और दूर चला गया है। इससे महाराष्ट्र सहित पश्चिमी तटों पर हवाओं की रफ्तार काफी कम हो जाएगी और बारिश की गतिविधियों में कमी आने का अनुमान है। गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ और दक्षिण पश्चिमी मध्य प्रदेश में छिटपुट बारिश होने की संभावना है। राजस्थान के दक्षिणी जिलों में भी एक दो स्थानों पर हल्की बारिश होने का अनुमान है। पूर्वी भारत में मौसम में कुछ बदलाव आ सकता है। उत्तरी ओडिशा पर एक एंटी चक्रवात बन गया है, जिससे बारिश में कमी आ जाएगी।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और गंगीय पश्चिम बंगाल में इस दौरान मौसम शुष्क ही रहेगा और शुष्क हवाएं चलेंगी। उत्तर भारत में अब पूर्वी हवाओं की जगह शुष्क उत्तर पश्चिमी हवाएं चलेंगी, मगर हवाओं की रफ्तार काफी कम होगी। इसके चलते दिवाली की आतिशबाजी का असर आज यानी 28 अक्टूबर को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम और आसपास के इलाकों में देखने को मिलेगा। इसी बीच हवाएं बदलने से मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान गिरावट आ सकती है। यानी सुबह और रात की सर्दी में अब बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।।
आईएमडी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि चक्रवात अभी 830 किलोमीटर दूर मुंबई के पश्चिम-दक्षिणपश्चिम तट पर है और इसके बुधवार तक पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने का अनुमान है। उसने कहा कि क्यार के सोमवार शाम तक शक्तिशाली चक्रवाती तूफान की तीव्रता बनाए रखने के आसार हैं और इसके बाद यह धीरे-धीरे कमजोर होगा।
अरब सागर पर बने चक्रवाती तूफान ‘क्यार’ के धीरे-धीरे ओमान सागर की ओर बढ़ने का अनुमान है लेकिन इससे अगले कुछ दिनों में गुजरात के कुछ हिस्सों में बारिश होने का अनुमान है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को राज्य के मछुआरों को खराब मौसम के कारण अगले दो दिनों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को दिवाली के दिन प्रदूषण की वजह से धुंध छा गई और वायु गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ स्तर पर पहुंच गई। उच्चतम न्यायालय ने दिवाली पर पटाखा छोड़ने के लिए दो घंटे की सीमा तय की थी लेकिन लोगों ने इसके अलावा भी पटाखे छोड़े। दिल्ली की हवा में पटाखों की तेज आवाज के साथ ही जहरीला धुंआ और राख भर गया और कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ स्तर को पार गया। लोगों ने मालवीय नगर, लाजपत नगर, कैलाश हिल्स, बुराड़ी, जंगपुरा, शाहदरा, लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, सरिता विहार, हरी नगर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, द्वारका सहित कई इलाकों में उच्चतम न्यायालय द्वारा पटाखा छोड़ने के लिए तय दो घंटे की समयसीमा का उल्लंघन करके पटाखे छोड़ने की सूचना दी। नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी निवासियों ने निर्धारित समय के अलावा भी पटाखे छोड़े। लोग शाम आठ बजे से पहले भी पटाखे छोड़ते दिखे हांलांकि इन पटाखें की आवाज कम रही। सरकारी एजेंसियों के मुताबिक रविवार रात 11 बजे दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता का स्तर 327 पर पहुंच गया जबकि शनिवार को यह 302 था।
प्रदेश में बारिश ने दीपावली की रंगत थोड़ी फीकी कर दी। दीपावली की रात राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में जोरदार बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश बैतूल जिले के भैसदेही में 88.1 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है।
मध्य प्रदेश के बडवानी में मौसम पिछले चार-पांच दिनों से बदला हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक जिले में कहीं-कहीं बारिश हो रही है तो कहीं ठंड पड़ रही है। बीते 48 घंटों में यहां रह-रहकर बारिश की भी खबरें मिलीं। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस तरह का मौसम अगले 48 घंटे तक और रहने का अनुमान है।
पटना सहित पूरे राज्य में आज से मौसम का मिजाज बदलने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार दोपहर से मौसम साफ होने के बाद तापमान में वृद्धि होगी। बिहार के कई जिलों में रविवार को सुबह से बादल छाए रहने के कारण तापमान में गिरावट आई थी। हालांकि, शाम से मौसम साफ हो गया था। विभाग के मुताबिक अब बारिश होने की संभावना कम है।
दिल्ली में ग्रीन दिवाली के आह्वान के बीच दिवाली के अगले दिन हवा में प्रदूषण के स्तर में कोई कमी नहीं आई। हर बार की तरह इस बार भी दिवाली के बाद हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। कुछ जगहों पर प्रदूषण का स्तर सामान्य तो कहीं बेहद ज्यादा रहा। दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में जलाए गए पटाखों का असर साफ तौर पर देर रात को नजर आया। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पीएम 10 और पीएम 2.5 लेवल 950 तक पहुंच गया।
सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था ‘सफर’ ने दिवाली की रात पटाखे जलाने, मौसम में बदलाव और पराली जलाने की वजह से दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंचने की आशंका जताई है। आंकड़ों के मुताबिक दिन में आनंद विहार में पीएम-10 का स्तर 515 दर्ज किया गया। वहीं वजीरपुर और बवाना में पीएम-2.5 का स्तर 400 के पार चला गया। राजधानी स्थित 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 25 ने वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की। दिल्ली के नजदीक स्थित शहरों फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में रविवार रात 11 बजे वायु गुणवत्ता का स्तर क्रमश: 320, 382, 312 और 344 रहा। उल्लेखनीय है कि पिछले दिवाली के मौके पर दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुरक्षित सीमा से 12 गुना अधिक 600 तक पहुंच गया था। गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर को अति गंभीर आपात स्थिति की श्रेणी में रखा जाता है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को दिवाली के दिन प्रदूषण की वजह से धुंध छा गई और वायु गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ स्तर पर पहुंच गई। उच्चतम न्यायालय ने दिवाली पर पटाखा छोड़ने के लिए दो घंटे की सीमा तय की थी लेकिन लोगों ने इसके अलावा भी पटाखे छोड़े। दिल्ली की हवा में पटाखों की तेज आवाज के साथ ही जहरीला धुंआ और राख भर गया और कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ स्तर को पार गया। लोगों ने मालवीय नगर, लाजपत नगर, कैलाश हिल्स, बुराड़ी, जंगपुरा, शाहदरा, लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, सरिता विहार, हरी नगर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, द्वारका सहित कई इलाकों में उच्चतम न्यायालय द्वारा पटाखा छोड़ने के लिए तय दो घंटे की समयसीमा का उल्लंघन करके पटाखे छोड़ने की सूचना दी। नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी निवासियों ने निर्धारित समय के अलावा भी पटाखे छोड़े। लोग शाम आठ बजे से पहले भी पटाखे छोड़ते दिखे हांलांकि इन पटाखें की आवाज कम रही। सरकारी एजेंसियों के मुताबिक रविवार रात 11 बजे दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता का स्तर 327 पर पहुंच गया जबकि शनिवार को यह 302 था।
नगालैंड के दीमापुर और फेक जिलों में लगातार वर्षा से बाढ़ आ गई और वर्षा जनित घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री नेफिउ रियो ने दीमापुर जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। नगालैंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनएसडीएमए) ने कहा कि दीमापुर और फेक जिले के निचले क्षेत्रों के 13 गांव और फेक जिला मुख्यालय बारिश में पानी भर गया। एनएसडीएमए सचिव एल विया ने कहा कि दीमापुर जिले में दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि फेक नगर में शनिवार को एक महिला डूब गई। उन्होंने बताया कि फेक में दीवार गिरने से दो अन्य घायल हो गए। विया ने कहा कि नगालैंड में पिछले दो दिनों में कुल 809.75 मिमी बारिश हुई। उन्होंने कहा दीमापुर जिले के संगतमटीला गांव में बाढ़ के कारण चार कच्चे घर गिर गए। विया के अनुसार दीमापुर जिले में बचाव एवं राहत दल ने तीन स्थानों से 131 लोगों को बचाया है और सात राहत शिविर खोले गए हैं।