चक्रवाती तूफान ‘क्यार’ के कारण और सक्रिय मिनी मानसून के चलते दक्षिमी प्रायद्वीप पर मौसम लगातार सक्रिय बना रहेगा। केरल और इससे सटे भागों पर एक चक्रवाती सर्कुलेशन बना हुआ है और इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा तमिलनाडु के भागों तक जा रही है। इन सिस्टमों के चलते त्रिवेंद्रम, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और अमरावती सहित केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मध्यम से हल्की बारिश देखने को मिल सकती है।
मौसम से जुड़ी जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक मध्य भारत में सुपर चक्रवात क्यार का असर है। बंगाल की खाड़ी से आर्द्र हवाएं लगातार पहुंच रही है इससे पुरी, भुवनेश्वर, रायुपर, सूरत, अहमदाबाद, द्वारका सहित ओडिशा से लेकर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में कई जगहों पर हल्की से मध्य बारिश हो सकती है।
इसी बीच दक्षिणी मध्य प्रदेश और दक्षिणी राजस्थान में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो रही है। दोनों राज्यों की राजधानी यानी जयपुर औ भोपाल में बादल छाए रहेंगे और हवाएं चलेंगी। इस दौरान उत्तर भारत के मानूसन में ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा हालांकि सर्दी बढ़ती रहेगी। तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी, क्योंकि उत्तर पश्चिमी हवाएं को 31 अक्टूबर तक चलते रहने का अनुमान है। हालांकि इस दौरान हवाओं की रफ्तार कम होगी जिसके चलते दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित दिल्ली एनसीआर के शहरों में प्रदूषण का स्तर काफी ऊंचा रहेगा। वायु गुणवत्ता भी खराब रहेगी।
Highlights
तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा लक्षद्वीप में भी कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। मौसम से जुड़ी एक निजी वेबसाइट ने यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर हवा की गुणवत्ता बिगड़ गयी एवं ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में पहुंच गयी। भारत मौसमविज्ञान विभाग के अधिकारियों ने अगले दो दिनों में हवा की गति में वृद्धि की संभवना से इनकार किया है। तब तक स्थिति ऐसी ही बनी रहेगी।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में मंगलवार को 3.4 तीव्रता का भूकंप आया। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी। किसी के भी हताहत होने या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की कोई सूचना नहीं मिली है। मौसम विभाग ने बताया कि मंगलवार को चंबा में सुबह 11.31 बजे के आस-पास भूकंप का झटका महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र जिले के उत्तर-पूर्वी हिस्से में 5 किमी की गहराई में था।
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को आसमान में धुआं छाया रहा और सूर्य देर से निकला तथा कई स्थानों पर हवा की गुणवत्ता बिगड़ गयी एवं ‘‘गंभीर’’ श्रेणी में पहुंच गयी। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार साढ़े बारह बजे दिन में शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 390 था जो सोमवार को रात आठ बजे के सर्वाधिक 397 एक्यूआई से कम था।
मौसम विभाग ने दक्षिण भारत के एर्नाकुलम, अलापुझा और इडुक्की जिलों में 30 अक्टूबर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा केरल के त्रिवेंद्रम, कोल्लम, त्रिसूर और पलक्कड़ जिलों में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी।
31 अक्टूबर से जम्मू कश्मीर और राजस्थान में बारिश की संभावना है। वहीं मध्य भारत और दक्षिण भारत के राज्यों में भी बारिश का सिलसिला अक्टूबर के अंत तक बना रहेगा। मौसम से जुड़ी एक निजी वेबसाइट ने यह जानकारी दी।
भोपाल में अगले 24 घंटे तक हल्की बारिश की संभावना है। इसके बाद मौसम साफ होने से ठंड का जोर से बढ़ने का अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी।
उत्तर भारत में जल्द ही सर्दी बढ़ सकती है। मध्य से लेकर दक्षिण तक हो रही बारिश की वजह से अगले कुछ दिनों में तेजी सी ठंड बढ़ेगी। वहीं उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में मौसम ठंडा हो चुका है।
अगले 24 घंटों के दौरान तटीय और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा लक्षद्वीप में भी कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। मौसम से जुड़ी एक निजी वेबसाइट ने यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को न्यूनतम तापमान 17.7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी।
हिमाचल में नवम्बर माह की शुरूआत में ही मौसम का मिजाज बिगडऩे वाला है, जिससे प्रदेश में सर्दी का प्रभाव बढ़ जाएगा। मौसम विभाग केंद्र शिमला ने 1 नवम्बर से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानों व मध्य पर्वतीय इलाकों में बारिश की संभावना जताई है। 3 नवम्बर तक राज्य भर में मौसम खराब रहेगा। बारिश व बर्फबारी के कारण तापमान में गिरावट आने से ठंड का असर बढ़ जाएगा। प्रदेश में पिछले एक पखवाड़े से मौसम शुष्क बना हुआ है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून बीते 11 अक्तूबर को राज्य से विदा हुआ था।
मौसम का रुख सप्ताह भर से बदला हुआ है, आसमान में बादलों की आवाजाही बनी हुई है और बादलों की सक्रियता की वजह से तापमान भी अनियमित हो जा रहा है। अक्टूबर माह के आखिरी सप्ताह में जहां पारा न्यूनतम तौर पर बीस डिग्री से कम हो चुका है और अधिकतम तापमान भी तीस डिग्री के आसपास आ चुका है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण में कमी के लिए लोगों को श्रेय दिया और कहा कि इसे कम करने के लिए अभी और बहुत कुछ किया जाना है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दीवाली के बाद वायु की गुणवत्ता 2018 की तुलना में बहुत अच्छी जान पड़ती है। एक कार्यक्रम के मौके पर गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि लोग भी कहते हैं कि इस साल कम पटाखे जलाए गए। गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली ने एक बार फिर ऐसा किया है...दीवाली के अगले दिन प्रदूषण के स्तर में 30 फीसदी की कमी। दिल्ली सरकार के 2015 से सतत प्रयासों से ये परिणाम सामने आये हैं। हर किसी की सक्रिय भागीदारी के बिना ऐसा नहीं होता।’’ डीपीसीसी ने कहा कि पीएम 2.5 का शिखर स्तर अर्धरात्रि को 1070 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था। पिछले साल दीवाली के बाद यह 1560 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था। यानी इस बार पिछले साल की तुलना में पीएम 2.5 के उत्सर्जन में 30 फीसद की कमी देखी गयी। पीएम 2.5 ढाई माइक्रोन या उससे कम के व्यास वाला ऐसा सूक्ष्म कण होता है जो फेफड़े और यहां तक कि रक्त तक पहुंच सकता है।
पटाखों से उत्सर्जन, पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण दीवाली के एक दिन बाद राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को हवा की गुणवत्ता ‘‘बेहद खराब’’ दर्ज की गई। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (डीपीसीसी) के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 368 पर था जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में बड़ा सुधार देखा गया। पिछले वर्ष यह 642 को छू गया था। एक्यूआई रविवार की शाम चार बजे 337 पर था। पिछले वर्ष की दीवाली के बाद एक्यूआई 642 पर पहुंच गया था। वर्ष 2017 में दीवाली के बाद एक्यूआई 367 और 2016 में 425 पर था।
अरब सागर पर बने चक्रवाती तूफान ‘क्यार’ के धीरे-धीरे ओमान सागर की ओर बढ़ने का अनुमान है लेकिन इससे अगले कुछ दिनों में गुजरात के कुछ हिस्सों में बारिश होने का अनुमान है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को राज्य के मछुआरों को खराब मौसम के कारण अगले दो दिनों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है। आईएमडी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि चक्रवात अभी 830 किलोमीटर दूर मुंबई के पश्चिम-दक्षिणपश्चिम तट पर है और इसके बुधवार तक पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने का अनुमान है। उसने कहा कि क्यार के सोमवार शाम तक शक्तिशाली चक्रवाती तूफान की तीव्रता बनाए रखने के आसार हैं और इसके बाद यह धीरे-धीरे कमजोर होगा। आईएमडी के अहमदाबाद केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने कहा, ‘‘गुजरात चक्रवाती तूफान से बचा रहेगा लेकिन कुछ स्थानों पर बेमौसम बारिश होने का अनुमान है।’’