हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए संयुक्त रणनीति बनाने के खातिर दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने की मांग की है।
गुजरात के दक्षिणी हिस्सों में प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘महा’ से 6 नवंबर से भारी बारिश का अनुमान है। भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र ने यहां शुक्रवार को कहा कि महा अब प्रचंड चक्रवाती तूफान बन गया है और यह अभी लक्षद्वीप द्वीपों के समीप पूर्व-मध्य अरब सागर पर है। उसने बताया कि महा के अगले 24 घंटों में उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने की संभावना है। 2 से 4 नवंबर के दौरान उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने तथा अगले 24 घंटों में बेहद प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील होने का अनुमान है। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली पर छायी दमघोंटू धुंध की चादर शनिवार सुबह और घनी हो गई।
शुक्रवार रातभर में प्रदूषण का स्तर लगभग 50 अंक बढ़ गया जिससे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 459 पर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एक अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष जनवरी के बाद पहली बार गुरुवार रात एक्यूआई ‘बेहद गंभीर’ या ‘आपात’ श्रेणी में पहुंच गया। इससे पहले मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने चक्रवात महा के बारे में बताया कि यह 6 नवंबर के बाद यह दक्षिण गुजरात तट की ओर पूर्व-उत्तरपूर्व दिशा में फिर से मुड़ेगा। हमें इससे सौराष्ट्र के तटीय क्षेत्र समेत गुजरात क्षेत्र में भारी बारिश होने की संभावना है।’’
दिल्ली की जहरीली हवा में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी शुक्रवार के 44 प्रतिशत (इस मौसम में सबसे अधिक) से घटकर शनिवार को 17 फीसदी पर आ गई। यह जानकारी सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी इकाई ‘सफर’ के आंकड़ों से मिली है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को शनिवार को पत्र लिखकर प्रदूषण संबंधित समस्याओं में उनके हस्तक्षेप और पराली जलाने के मुद्दे से निपटने के लिए एक ठोस योजना पर काम करने की मांग की।केजरीवाल ने पत्र में लिखा है कि प्रदूषण के उच्च स्तर से न केवल नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो रहा है बल्कि यह यहां की यात्रा पर आने वाले गणमान्य लोगों की नजर में भारत की गलत छवि को भी पेश करता है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए संयुक्त रणनीति बनाने के खातिर दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने की मांग की है।
देश की राजधानी और आसपास के शहरों पर छायी जहरीली धुंध की चादर से शनिवार को लोगों को थोड़ी सी राहत मिली और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 407 रहा लेकिन अब भी यह ‘गंभीर’ श्रेणी में ही है। शुक्रवार शाम चार बजे एक्यूआई 484 था।
गुजरात के कई हिस्सों में चक्रवात क्यार के कारण पिछले कुछ दिनों से बेमौसम बारिश हो रही है। चक्रवात क्यार अब कमजोर पड़ गया है और यह ओमान की ओर बढ़ रहा है।
शुक्रवार को गाजियाबाद देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा। गाजियाबाद में पीएम 2.5 का स्तर 493 रहा। ग्रेटर नोएडा (480), नोएडा (477) और फरीदाबाद (432) में भी हवा में प्रदूषण का स्तर काफी अधिक रहा। एक्यूआई जब 0-50 होता है तो इसे ‘‘अच्छी’’ श्रेणी का माना जाता है। 51-100 को ‘‘संतोषजनक’’, 101-200 को ‘‘मध्यम’’, 201-300 को ‘‘खराब’’, 301-400 को ‘‘अत्यंत खराब’’, 401-500 को ‘‘गंभीर’’ और 500 से ऊपर एक्यूआई को ‘‘बेहद गंभीर एवं आपात’’ श्रेणी का माना जाता है।
वायु प्रदूषण के कारण ‘गैस चैम्बर’ में तब्दील हुई दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं को रोके जाने की अपील के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस प्रकार की घटनाओं की जानकारी देने वालों को इनाम के रूप में नकदी देने की शुक्रवार को घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे किसानों को अन्य विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें। यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार खट्टर ने उनके राज्य में फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) योजना की समीक्षा के लिए अधिकारियों से मुलाकात की।
लक्षद्वीप वासियों ने शुक्रवार को राहत की सांस ली, जब चक्रवाती तूफान ''महा'' द्वीपसमूह को बिना प्रभावित किए निकल गया। लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल ने बताया कि चक्रवात महा के कारण समुद्र में उफान और भारी बारिश देखी गई लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि चक्रवात महा में 80-90 किमी से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली तेज हवाओं का प्रभाव लक्षद्वीप के उत्तरी भागों और इससे सटे दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर होने की संभावना है। शुक्रवार सुबह लक्षद्वीप के पार जाने के बाद चक्रवात लक्षद्वीप के उत्तर-पश्चिम में लगभग 450 किमी दूर केंद्रित रहा।