असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि ‘लव जिहाद’ समाज में तनाव पैदा करता है और इसे रोका जाना चाहिए। राज्य के पुलिस अधीक्षकों के दो दिवसीय सम्मेलन के बाद बोंगाईगांव में पत्रकारों से बात करते हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि वह राज्य में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच शांति चाहते हैं लेकिन जिहाद और जबरन धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दे तनाव पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि ‘लव जिहाद’ के ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि लड़कियों को जबरन ले जाया जाता है और फिर उनके कुछ वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जाता है।
‘जबरन करवाया जा रहा है धर्म परिवर्तन’
पीटीआई भाषा के मुताबिक मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, ”हमें यह देखना होगा कि क्या लड़कियों का जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है और दबाव में शादी की जा रही है…हमें ऐसी शादियों को जांच के दायरे में लाना होगा।”
उन्होने कहा, ‘‘एक काजी हिंदू-मुस्लिम विवाह को पंजीकृत नहीं कर सकता। इसी तरह एक पुजारी भी कानूनी तौर पर ऐसा नहीं कर सकता…अगर अलग-अलग धर्मों के लड़के-लड़कियां शादी करना चाहते हैं तो उन्हें विशेष विवाह अधिनियम के तहत बिना धर्म परिवर्तन किए ऐसा करना चाहिए।’’
रोहिंग्याओं को बताया खतरनाक
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि असम के करीमगंज जिले के रास्ते बांग्लादेश से रोहिंग्याओं की घुसपैठ ‘खतरनाक’ है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि बिचौलियों का एक नेटवर्क है जो रोहिंग्याओं को त्रिपुरा में लाते हैं, वहां से असम के करीमगंज, बोंगाईगांव और फिर देश के बाकी हिस्सों में ले जाते हैं। उन्होंने कहा, ”असम की पांच पुलिस टीम फिलहाल त्रिपुरा में हैं और बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार के साथ काम कर रही हैं।” उन्होने कहा, “यह स्थिति चिंताजनक है और बिना वैध कागजात के देश में अवैध रूप से प्रवेश करने वाला कोई भी व्यक्ति देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।”