Supreme Court News: एक टिप्पणी – ‘सुप्रीम कोर्ट को केंद्रीय जांच एजेंसी ED के खिलाफ “नैरेटिव्स” से प्रभावित नहीं होना चाहिए’ – पर प्रतिक्रिया देते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंंडिया बीआर गवई ने सोमवार को कहा कि हम न ही न्यूज देखते हैं और न ही यूट्यूब इंटरव्यू।

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, CJI BR गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ED द्वारा सीनियर एडवोकेट्स अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को उनके संबंधित क्लाइंट्स को कानूनी सलाह देने के लिए तलब करने के एक स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी।

रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस मुद्दे को उच्चतम स्तर पर उठाया गया है और जांच एजेंसी ने वकीलों को कानूनी सलाह देने के लिए नोटिस जारी न करने का अनुरोध किया है। हालांकि, मेहता ने झूठे नैरेटिव गढ़कर संस्थानों को बदनाम करने के प्रयासों की ओर इशारा किया।

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SG की दलील पर बेंच ने क्या कहा?

सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “जहां तक सामान्य टिप्पणियों का सवाल है, कभी-कभी उन्हें अलग-अलग मामलों के आधार पर गलत समझा जाता है। यह मैं कह रहा हूं, ED नहीं, एक संस्था के खिलाफ एक कहानी गढ़ने की एक सुनियोजित कोशिश है। माननीय न्यायाधीश कुछ मामलों में ओवरस्टेपिंग पाते हैं…”

इस पर CJI ने कहा, “हम कई मामलों में ऐसा (ED द्वारा ओवरस्टेपिंग) पा रहे हैं, ऐसा नहीं है कि हमें ऐसा नहीं मिल रहा है।” CJI ने आगे कहा कि हम न्यूज नहीं देखते हैं, न ही यूट्यूब इंटरव्यू देखे हैं। पिछले हफ्ते ही मैं कुछ फिल्में देख पाया।

आपको बता दें कि सीजेआई बीआर गवई पिछले हफ्ते बीमार थे, उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।