Jadavpur University Clash: कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल ही में जादवपुर यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनकारी छात्रों और शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के काफिले के बीच झड़प के कारण हुई अशांति पर चिंता जाहिर की है। जस्टिस तीर्थंकर घोष ने इस बात पर चिंता जताई कि यह समस्या या तो पुलिस की खुफिया विफलता या मंत्री की तरफ से ऐसी खुफिया रिपोर्टों की अनदेखी करने की वजह से पैदा हुई है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस तीर्थंकर घोष ने कहा, ‘दोनों पक्षों को कुछ अनुशासन जरूर रखना चाहिए। लोगों को मंत्री के इतने पास में आने की इजाजत नहीं दी जा सकती। मैं नहीं चाहता कि यह पश्चिम बंगाल के बाकी हिस्सों के लिए एक उदाहरण बने। चुनावी साल आ रहा है, यह महामारी की तरह फैलेगा। लोग अनुशासन खो देंगे। मैं नहीं चाहता कि यह पड़ोसी देश जैसा हो।’

कोर्ट ने अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट

जस्टिस घोष ने आगे कहा, ‘अब से अगर मंत्रियों द्वारा खुफिया जानकारी का पालन करने में कोई अवहेलना की जाती है तो उसे लिखित रूप में दर्ज किया जाना चाहिए। कोई फोन कॉल नहीं चलेगा वरना अगर कुछ हुआ तो सारा दोष सुरक्षा एजेंसियों पर आएगा।’ जस्टिस घोष ने राज्य के अधिकारियों से एक रिपोर्ट भी मांगी है, जिसमें यह बताया जाए कि ऐसी स्थिति कैसे पैदा हुई और पुलिस ने तनाव को कम करने के लिए पूरी कोशिश क्यों नहीं की।

क्या था पूरा मामला?

बता दें कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के कैंपस दौरे के दौरान छात्रों का एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था। इसमें कुछ छात्रों ने मंत्री की कार का घेराव किया, तोड़फोड़ की और कथित तौर पर उनके साथ मारपीट भी की। बसु को बाद में एसएसकेएम हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। दूसरी तरफ कुछ प्रदर्शनकारियों की तरफ से आरोप लगाया गया कि उनमें से कुछ छात्र मंत्री के काफिले में शामिल एक गाड़ी की चपेट में आकर घायल हो गए। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारी छात्र संगठनों ने कथित तौर पर शिक्षाबंधु ऑफिस में भी तोड़फोड़ की और उसके एक हिस्से में आग लगा दी। वे जादवपुर 8बी बस स्टैंड के पास भी इकट्ठा हुए और सड़क जाम कर दी। पूरा मामले पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…