असम इस समय दो कारणों से चर्चा में है। एक वहां भयंकर बाढ़ ने लोगों की जानमाल को संकट में डाल रखी है। दूसरी वजह ये कि महाराष्ट्र के सियासी संकट के बाद शिवसेना के बागी विधायक असम में डेरा डाले हुए हैं। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी ने असम के बाढ़ संकट की बात की तो लोग बिफऱ गए।

पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार असम में स्थिति की लगातार निगरानी कर रही है और इस चुनौती से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। ध्यान रहे कि असम में बाढ़ की स्थिति बुधवार को भी बेहद गंभीर बनी रही।

बाढ़ से राज्य में 12 और व्यक्तियों की मौत हो गई है जबकि 32 जिलों में 55 लाख लोग इससे प्रभावित हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य की दो प्रमुख नदियों ब्रह्मपुत्र और बराक का जलस्तर लगातार बढ़ने से नए इलाकों में बाढ़ का पानी भरने लगा है। राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से अभी तक 101 लोगों की मौत हुई है।

खास बात है कि महाराष्ट्र से आए शिवसेना के बागी विधायकों के एक समूह को गुवाहाटी के लग्जरी होटल में रखा गया है। जिस होटल में विधायकों को रखा गया है उसके बाहर सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। भारी पुलिसफोर्स के चलते रेडिसन ब्लू होटल एक किले में तब्दील होता नजर आ रहा है। इस होटल में आम लोगों के प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। गुवाहाटी पुलिस ने होटल की सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली है।

सोशल मीडिया पर लोगों ने पीएम की जमकर खिंचाई की। पी कुशवाहा ने लिखा कि लोकतंत्र के हत्या और चुने हुऐ विपक्ष के नेताओ का अपहरण करने बाद रखने के अड्डे का नाम है असम तो एक यूजर ने पलटवार कर लिखा कि वैसे लोकतन्त्र की हत्या ये है या वो थी जिसमें लोगों ने BJP+SS को बहुमत दिया था ना कि SS+Congress + NCP को। किंतु उद्धव ठाकरे की महत्व कांक्षा ने बहुमत को ही लात मार दी और जिनको जनता ने हराया था उनको ही सत्ता में ला दिया।

एक यूजर ने लिखा कि असम में जहाँ एक तरफ आपदा है वहीँ दूसरी ओर आपदा में अवसर का संकेत असम से ही मिल रहा है। एक ने पीएम से ही सवाल कर ताना कसा कि मगर झूठेंद्र जी, आपकी सरकार तो शिवसेना विधायकों की निगरानी कर रही है। संजय शर्मा ने लिखा कि असम में एक और ड्रामा चला हुआ है उस पर भी उपदेश देते तो अच्छा रहता।