Indus Waters Treaty Updates: भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि स्थगित कर दी थी। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा था कि अगर भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित कर नदी को डायवर्ट करने या डैम बनाने की कोशिश की तो भारत के खिलाफ जंग लड़ी जाएगी। इस पर अब केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का रिएक्शन सामने आया है। उन्होंने कहा कि पानी कहीं नहीं जाएगा।
मीडिया से बातचीत में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा, ‘मैं आपको एक लाइन में इतना कह सकता हूं कि पानी कहीं नहीं जाएगा। बाकी बिलावल क्या कहते हैं वो उनका प्रश्न है। उनको वहां पर अपनी पॉलिटिक्स करनी है। इसलिए वो कुछ भी कहते रहें। उन्होंने तो धमकियां भी दी थी कि पानी नहीं बहेगा तो खून बहेगा। ये तो आपने सुना होगा। ऐसी गीदड़ धमकियों से तो हम डरते भी नहीं है। मगर कुछ बातें समय पर ही अच्छी लगती हैं। इसलिए उसका समय पर ही जवाब मिलना अच्छा है।’
बिलावल ने क्या कहा था?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबकि, बिलावल भुट्टो ने भारत पर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 1960 के समझौते को एकतरफा तरीके से रोककर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। बिलावल ने कहा, ‘भारत के पास दो विकल्प हैं या तो वह निष्पक्ष रूप से पानी बांटे या फिर हम सभी छह नदियों से पानी लेंगे।’ 1960 में साइन की गई और विश्व बैंक की मध्यस्थता से संपन्न सिंधु जल संधि , भारत और पाकिस्तान के बीच छह नदियों के जल के बंटवारे को नियंत्रित करती है। पढ़ें पूरी खबर…
गृह मंत्री अमित शाह ने दिया था संकेत
गृह मंत्री अमित शाह ने संकेत दिया है कि यह संधि कभी भी बहाल नहीं की जाएगी और पाकिस्तान के लिए इसके परिणाम बहुत गंभीर हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की खेती लगभग पूरी तरह इंडस रिवर सिस्टम पर निर्भर है। पश्चिमी नदियां, सिंधु, झेलम और चिनाब, देश में 80 प्रतिशत से ज्यादा सिंचाई के लिए जिम्मेदार हैं। IWT के संरक्षण के बिना, भारत प्रवाह को प्रतिबंधित कर सकता है या पानी के समय को बदल सकता है। गेहूं, चावल, कपास और गन्ने जैसी फसलों की पैदावार में भारी गिरावट आ सकती है।
हाईड्रो पावर प्लांट पर पड़ सकता है असर?
तरबेला, मंगला और नीलम-झेलम जैसे हाईड्रो पावर प्लांट नदी के प्रवाह पर निर्भर हैं। ये प्लांट पाकिस्तान की बिजली में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान करते हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बहुत हद तक पानी पर निर्भर है। अकेले कृषि जीडीपी में 24 प्रतिशत से अधिक का योगदान देती है और आबादी के एक बड़े हिस्से को रोजगार देती है। सिंधु जल संधि क्या है?