Delhi Water Crisis: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जल संकट लगातार बना हुआ है। इसी बीच, अब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के लोगों को बड़ी राहत देते हुए हिमाचल प्रदेश को 137 ज्यादा पानी छोड़ने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि जब पानी हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा जाए तो हरियाणा वजीराबाद तक पानी को पहुंचाने में सहायाता करे। ताकि बिना किसी परेशानी के दिल्ली के लोगों को पानी की आपूर्ति हो सके। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी कहा कि वह पानी की बर्बादी करने से रोके।

जस्टिस पी के मिश्रा और के वी विश्वनाथन की अवकाशकालीन पीठ ने 7 जून को पानी छोड़ने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि किसी भी तरह से पानी की बर्बादी नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह राय भी दी है कि पानी के मुद्दे पर राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने सभी पक्षों से सोमवार 10 जून तक इस मामले पर रिपोर्ट सौंपने कहा है और अब इस मामले पर अगली सुनवाई भी इसी दिन होगी।

दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में क्या मांग की

आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने जल सकंट पर 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि दिल्ली में रिकॉर्ड हाई टेंपरेचर और लू की वजह से कुछ जगहों पर अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। इससे शहर में पानी की मांग ज्यादा बढ़ गई है। याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी पानी की कमी से जूझ रही है और पानी का संकट बन गया है। आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अपनी याचिका में मांग की थी कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश दिल्ली को एक महीने तक एक्स्ट्रा पानी दे।

दिल्ली को कितने पानी की जरूरत

डीजेबी के मुताबिक, प्रदेश को हर एक दिन करीब 129 करोड़ गैलन पानी की जरूरत है। लेकिन गर्मियों में केवल 96.9 करोड़ गैलन प्रति दिन ही मिल पा रहा है। यानी दिल्ली की 2.30 करोड़ आबादी को हर दिन 129 करोड़ गैलन पानी चाहिए, लेकिन उसे सिर्फ 96.9 करोड़ गैलन पानी की ही आपूर्ति हो पा रही है।

दिल्ली को कहां से मिलता है कितना पानी

दिल्ली में पानी की जरूरत हरियाणा सरकार यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी से और पंजाब सरकार भाखरा नांगल से मिले पानी से पूरी करती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली को हर दिन यमुना से 38.9 करोड़ गैलन, गंगा नदी से 25.3 करोड़ गैलन और भाखरा-नांगल से रावी-व्यास नदी से 22.1 करोड़ गैलन पानी की आपूर्ति होती थी। इसके अलावा कुंए, ट्यूबवेल और ग्राउंड वाटर से 9 करोड़ गैलन पानी आता था। यानी दिल्ली को हर दिन 95.3 करोड़ गैलन पानी मिलता था। 2024 के लिए यह आंकड़ा बढ़कर 96.9 करोड़ गैलन हो गया है।