आईएसआईएस से कनेक्‍शन के आरोप में गिरफ्तार चार भारतीयों में से एक 38 साल की अफशा जबीन भी है। वह दुबई में रहती है। उसे यूएई से प्रत्‍यर्पित कराने के बाद सितंबर 2015 में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस रिकॉर्ड में उसके शौक के तौर पर ‘इंटरनेट चैटिंग’ दर्ज है। उसे पश्चिमी पहनावा पसंद है और खाने में तंदूरी चिकन, पिज्‍जा और केएफसी को उसने अपनी पसंद के तौर पर दर्ज कराया है। इस्‍लामिक स्‍टेट की कट्टर समर्थक अफशा का मानना है कि एक दिन पूरी दुनिया का एक खलीफा होगा।

अफशा आईएस से कनेक्‍शन रखने के आरोप में गिरफ्तार की गई इकलौती भारतीय महिला है। उसने हिंदू रियल एस्‍टेट एजेंट से शादी की है। उसकी तीन बेटियां हैं। उस पर आरोप है कि उसने फर्जी आईडी बना कर इंटरनेट के जरिए कई लोगों को आईएसआईएस के पक्ष में किया और इस आतंकी संगठन के लिए ऑनलाइन भर्तियां कीं।

अफशा से पूछताछ के आधार अफसरों ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें लिखा है कि उसने आईएसआईएस आतंकियों द्वारा इराकी कैदियों के सिर कलम किए जाने को सही ठहराया है। उसकी नजर में यह कुरान में युद्धबंदियों की हत्‍या किए जाने जैसा पाक कृत्‍य है। वह जम्‍मू कश्‍मीर से भारत को अलग किए जाने की समर्थक है।

पढ़ाई, प्‍यार और शादी: अफशा का जन्‍म हैदराबाद के एक हनाफी सुन्‍नी परिवार में हुआ था। उसके पिता माइक्रोबायोलॉजी में पीजी हैं और मां भी साइंस ग्रेजुएट हैं। उसकी चार बहने हैं। जब वह तीन साल की थी तो परिवार हैदराबाद से अबु धाबी जाकर बस गया। वहां पिता ने कुछ समय के लिए एक ब्रिटिश फर्म में नौकरी की। फिर स्‍टेशनरी व प्रिंटिंग स्‍टोर खोला, जो 2002 तक चलाया। उसकी मां वहां स्‍कूल में पढ़ाती थीं। अफशा ने भी स्‍कूली पढ़ाई वहीं की। इसके बाद वह 1996 में हैदराबाद लौट गई। चार साल हैदराबाद में ही रही। वहां के शदान कॉलेज से बीकॉम किया। इसके बाद वह अबु धाबी लौट गई। वहां उसके घर में रह रहे पेइंग गेस्‍ट से उसे प्‍यार हो गया। बाद में दोनों ने शादी कर ली।

2002 में जब अफशा की छोटी बहन ने बारहवीं तक पढ़ाई पूरी कर ली तो परिवार ने भारत लौटने का मन बनाया। लेकिन, अफशा इस बीच अपने हिंदू दोस्‍त के संपर्क में थी। दोस्‍त ने उसे शादी का प्रस्‍ताव दिया। अफशा ने फौरन मान लिया। उसका मंगेतर भारत लौट कर मुसलमान बन गया। इसके बाद 29 सितंबर, 2002 को दोनों ने आर्य समाज और मुस्लिम परंपरा के मुताबिक शादी कर ली। शादी के कुछ समय बाद तक दोनों हैदराबाद में ही रहे। वह घर अफशा के पति की बड़ी बहन का था। एक साल के भीतर ही उनके बेटी हुई। अफशा हैदराबाद में ट्रेवल एजेंसी में इंटरनेशनल रिजर्वेशन क्‍लर्क का काम करती थी।

अफशा बनी निकी जोसेफ: 2006 में अफशा का पति नौकरी करने दुबई चला गया। वह हैदराबाद में अपने मां-बाप के घर रहने चली गई। वहां वह एक साल रही। बाद में वह भी दुबई चली गई। वहां जाने के बाद ही इंटरनेट के जरिए उसका झुकाव इस्‍लाम, जिहाद जैसी चीजों की ओर हुआ। उसने पूछताछ में बताया, ‘मैं जकीर नाइक और कई अन्‍य इस्‍लामिक विद्वानों के वीडियो यूट्यूब पर देख कर काफी प्रभावित हुई। मैंने यूट्यूब को आफ्ता जीटा नाम से याहू मेल आई के जरिए सब्‍सक्राइब कर लिया। मैं घर पर अकेली रहती थी। पति काम पर चले जाते थे। बेटी स्‍कूल। पति ने मुझे लैपटॉप और वाई-फाई दे रखा था। मैं इस्‍लामिक धार्मिक साहित्‍य इंटरनेट पर सर्च करती रहती थी।’ इसी बीच उसने निकी जोसेफ नाम से नया नाम और आइडेंटिटी बना लिया था।

सलमान मोहिउद्दीन से दोस्‍ती: सलमान मोहिउद्दीन एक इंजीनियर था। अमेरिका में वीजा एक्‍सटेंड नहीं होने के चलते उसे हैदराबाद लौटना पड़ा था। एक दिन उसने अफशा का एक ऑनलाइन कमेंट ठीक करवाया था। यह कमेंट जाकिर नाइक के भाषण के वीडियो पर किया गया था। सलमान के ऑनलाइन कमेंट्स देख कर अफशा को ऐसा लगा कि उसे इस्‍लाम की अच्‍छी जानकारी है। उसने इंटरनेट के जरिए उससे संपर्क किया। अपनी आईडी शेयर की। 2010 तक दोनों इंटरनेट के जरिए संपर्क में रहे। इस बीच उसने उसे बताया कि उसकी शादी ठीक नहीं चल रही है। 2011 से 2013 के बीच निजी कारणों से वह इंटरनेट पर ज्‍यादा वक्‍त नहीं दे सकी। वह हाइपो-थायरॉयड की मरीज हो गई थी। उसकी दो बेटियां हो गई थीं। दोनों की डिलीवरी समय से पहले करवानी पड़ी थी।

आईएसआईएस के लिए कैंपेन: 2013 में अफशा निकी जोसेफ बन कर फिर से इंटरनेट पर सक्रिय हुई। उसने ‘इस्‍लाम वर्सेज क्रिश्चियनिटी’ नाम का फेसबुक ग्रुप बनाया। कुछ ही समय में इसके 50 हजार से ज्‍यादा फॉलोअर्स हो गए। ग्रुप पर आईएसआईएस के समर्थन में खबरें, तस्वीरें शेयर की जाने लगीं। पुलिस का कहना है कि सलमान और अफशा ने किल कर इंटरनेट के जरिए कई लोगों को आईएसआईएस समर्थक बनाया और संगठन के लिए उनकी भर्तियां भी कीं।

अफशा ने कैसे फर्जी आईडी के जरिए सलमान को फंसाया और सलमान ने आईएसआईएस के लिए कैसे, क्‍या किया, पूरी कहानी यहां पढ़ें। 

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