एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनके पार्टी नेता वारिस पठान के खिलाफ एक आपराधिक शिकायत दायर की गई है। ओवैसी और पठान के खिलाफ यह आपराधिक शिकायत पठान द्वारा कर्नाटक में हाल में दिये उस विवादास्पद टिप्पणी को लेकर दायर की गई है कि ‘‘15 करोड़ मुस्लिम 100 करोड़ पर भारी पड़ सकते हैं।’’

हालांकि बयान को लेकर बवाल बढ़ने पर वारिस पठान ने माफी मांगते हुए अपना बयान वापस ले लिया था। उनका कहना था कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। हालांकि उनके बयान से कोई आहत हुआ है तो अपना बयान वापस लेते हैं।

शिकायत अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा द्वारा मुजफ्फरपुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार की अदालत में दायर की गई है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई चार मार्च को करना तय किया।ओझा ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया है कि पठान की ‘‘भड़काऊ टिप्पणी दो समुदायों के बीच शत्रुता को धर्म के आधार पर बढ़ावा देती है’’ और उन्हें एक कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ओवैसी को ‘‘आरोपी नम्बर दो’’ बनाया गया है क्योंकि वह उस समय मंच पर मौजूद थे जब पठान टिप्पणी कर रहे थे। पठान ने उक्त टिप्पणी गत 16 फरवरी को कलबुर्गी में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ एक रैली को संबोधित करते हुए की।

वायरल हुए एक वीडियो में पठान कहते हुए सुने गए, ‘‘हमें साथ आगे बढ़ना होगा। हमें आजादी, जो चीजें हमें मांगने से नहीं मिलतीं, हमें बलपूर्वक लेनी होंगी, याद रखो…(हो सकता है कि हम) 15 करोड़ हों लेकिन 100 (करोड़) पर भारी हैं।’’ ओझा ने कहा कि पठान की टिप्पणी से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

एआईएमआईएम को पिछले वर्ष बिहार में तब आधार मिला था जब उसके उम्मीदवार ने किशनगंज सीट भाजपा उम्मीदवार स्वीटी सfxह को 10 हजार वोट से हराकर जीत ली थी। इस बीच एआईएमआईएम की महाराष्ट्र इकाई प्रमुख इम्तियाज जलील ने कहा कि एआईएमआईएम पठान के बयान का समर्थन नहीं करती।

उन्होंने औरंगाबाद में कहा, ‘‘पार्टी उनसे टिप्पणी को लेकर स्पष्टीकरण मांगेगी। एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं को भाषण देने के दौरान क्या करना है क्या नहीं, इस संबंध में जरूरी दिशानिर्देश जारी कर सकते हैं।’’

(भाषा इनपुट्स के साथ)