प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उरी हमले को लेकर दिए गए बयान के बाद पाकिस्तान सफाई देने में लगा है। पाकिस्तान के राजनयिक पीएम मोदी के बयान की काट ढ़ूढ रहे हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन में छपी एक रिपोर्ट में राजनयिक का नाम लिए हुए बिना लिखा गया है कि भारत, पाकिस्तान के साथ युद्ध करने का खतरा नहीं उठाएगा क्योंकि इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। कोई युद्ध नहीं होने वाला है। हमारी युद्ध शुरू करने की कोई मंशा नहीं है और भारत भी इस बात को समझता है कि इस स्थिति में युद्ध उसकी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा।
रिपोर्ट में राजनयिक ने कहा कि पिछले हफ्ते कराची स्टॉक एक्सचेंज गिर गया था, छोटे निवेशकों ने अपना स्टॉक निकालना शुरू कर दिया था, क्योंकि कथित तौर पर कहा गया था कि देश में सैन्य अभ्यास किया जा रहा है। लोकल मीडिया से बातचीत में पाकिस्तानी राजनयिक ने कहा कि भारत ने एक गलत उदाहरण पेश किया है और जिसने सबको चोट पहुंचाया है। अगर भारत ने इसी राह चलता रहा तो पाकिस्तान की जगह वह खुद को अलग-थलग कर लेगा।
गौरतलब है कि 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के उरी स्थिति सेना मुख्यालय पर हुए हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे, जबकि सेना ने 4 आतंकियों को मौके पर मार गिराया था। इस हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। उरी हमले पर पहली बार बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर जबरदस्त निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि भारत पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर अलग थलग करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा और आतंक के निर्यात, निर्दोष लोगों की हत्या और खूनखराब जैसी उसकी गतिविधियों का पर्दाफाश करेगा। आतंकवादी ध्यान से सुन लें कि भारत उरी हमले को कभी भूलेगा नहीं, मैं पाकिस्तान के नेतृत्व को बताना चाहता हूं कि हमारे 18 जवानों की शहादत जाया नहीं जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि एशिया में एक देश ऐसा है जिसका मकसद आतंकवाद को फैलाना है और वह देश यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि 21वीं सदी एशिया की सदी नहीं बन सके। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के लिए प्रत्येक राष्ट्र केवल एक देश को जिम्मेदार बता रहा है। एशिया में केवल एक देश आतंकवादियों की पनाहगाह है। वह एकमात्र ऐसा देश है जो दुनियाभर में आतंक का निर्यात करने में लगा है।’