पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई हिंसा और आगजनी के सिलसिले में अब तक 200 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। पुलिस का फ़िलहाल ध्यान इलाके में सामान्य स्थिति बहाल करने पर है। पुलिस और केंद्रीय बलों ने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए फिलहाल वह सक्रिय रूप से रूट मार्च कर रहे हैं।
राज्य पुलिस के कानून और व्यवस्था के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) जावेद शमीम ने विश्वास जताया कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी। सोमवार को शमीम ने भवानी भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुष्टि की कि 200 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। उन्होंने कहा, “शुक्रवार के बाद से जो कुछ हुआ, वह हम सभी ने देखा। आपको यह समझना होगा कि जब भी किसी राज्य में सांप्रदायिक दंगे होते हैं तो स्थिति को शांत करने में समय लगता है। हालांकि, यहां स्थिति बहुत बेहतर है और इसका श्रेय सिर्फ़ पुलिस को ही नहीं बल्कि प्रेस, सोशल मीडिया और आम लोगों को भी जाता है जो बहुत ज़िम्मेदार हैं।”
मुर्शिदाबाद में हालात सामान्य
वहीं, न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, दुकानें फिर से खुल रही हैं और विस्थापित परिवार वापस लौटने लगे हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बहाल करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दुकानें खुलनी शुरू हो गई हैं और लोग वापस लौट रहे हैं। अब तक 19 परिवार अपने घर लौट चुके हैं। मालदा और मुर्शिदाबाद, दोनों जिला प्रशासन जिलों से चले गए लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।’’
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मुर्शिदाबाद में अब तक हुईं 210 गिरफ्तारियां
अतिरिक्त महानिदेशक ने शांति के लिए अफवाहों को फैलने से रोकने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘अब तक 210 गिरफ्तारियां की गई हैं। मैं लोगों से आग्रह करता हूं कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें और जानकारी की पुष्टि करें। अगर हमें शांति बनाए रखनी है तो अफवाहों पर रोक लगानी होगी।’’ राज्य पुलिस के अनुसार, इस संबंध में दर्ज की गई एफआईआर की संख्या भी बढ़ रही है। शमीम ने कहा, “हम जहां भी संभव होगा, अपराधियों को ढूंढ़ लेंगे लेकिन हिंसा भड़काने में शामिल सभी लोगों को कड़ी सजा मिलेगी।”
हिंसा के बाद 19 परिवार वापस लौटे
उन्होंने कहा, “जो लोग घर छोड़कर चले गए थे, उनमें से करीब 19 परिवार वापस आ गए हैं। धीरे-धीरे हम उन्हें वापस लाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। पिछले 36 घंटों में किसी भी तरह की हिंसा की खबर नहीं आई है। स्थिति सामान्य हो रही है लेकिन इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी रहेगा क्योंकि अफ़वाहें फैलाना कानून लागू करने वालों के लिए एक बड़ी समस्या साबित हुई है।”
वहीं, दूसरी ओर न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक स्थानीय महिला ने कहा, “मैं बरहामपुर के खगरा में अपनी बेटी के घर जा रही हूं। हम अपने घर में न तो सो सकते हैं और न ही खाना बना सकते हैं। बीच-बीच में पत्थरबाजी की घटनाएं होती रहती हैं। हमें अपनी सुरक्षा के बारे में सोचना पड़ता है, इसलिए हम यहां से जा रहे हैं। हम पिछली तीन रातों से सो नहीं पाए हैं। BSF के तैनात होने के बाद स्थिति में सुधार हुआ है। हमारे गांव में कोई समस्या नहीं है लेकिन आस-पास के गांवों में स्थिति बहुत खराब है, जिससे हम भी डरे हुए हैं।”
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वरिष्ठ अधिकारी वहां मौजूद थे लेकिन भीड़ बहुत अधिक थी- बंगाल पुलिस
गलत सूचना के खतरों पर प्रकाश डालते हुए शमीम ने कहा, “शांति का सबसे बड़ा दुश्मन अफ़वाह फैलाना है। डीजीपी वहां डेरा डाले हुए हैं, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सभी वहां मौजूद हैं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि हमें ज़िम्मेदार होना चाहिए और तथ्यों की पुष्टि करने से पहले उन्हें जांचना चाहिए।” उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी हो गई है कि लोगों के लिए शिकायतें और आरोप लगाना बहुत सामान्य बात है। हम उनमें से प्रत्येक पर गौर करेंगे।
अतिरिक्त महानिदेशक शमीम ने कहा, “बहुत सी चीजें चल रही हैं। हमने देखा कि राम नवमी, ईद सब कुछ शांतिपूर्वक मनाया गया। बेशक, ऐसी स्थितियों में हमारे पास इनपुट होते हैं और उसके अनुसार वरिष्ठ अधिकारी वहां मौजूद थे लेकिन भीड़ बहुत अधिक थी।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स