Waqf Amendment Act 2025: वक्फ कानून को लेकर देश भर में चल रहे सियासी शोर के बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट (हलफनामा) दायर कर दिया है। सरकार ने इस कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह सुप्रीम कोर्ट से किया है। याद दिलाना होगा कि वक्फ कानून का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इस मामले में 5 मई को अगली सुनवाई होनी है।
क्या कहा है एफिडेवेट में?
सुप्रीम कोर्ट ने एफिडेविट में वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं का जवाब दिया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि वक्फ कानून पूरी तरह से वैध है और विधायी शक्तियों का सही इस्तेमाल कर इसे बनाया गया है।
सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के पास आर्टिकल 32 के तहत कानून की समीक्षा करने का अधिकार है। एफिडेविट में केंद्र सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वक्फ कानून में संशोधन संसदीय पैनल के द्वारा किए गए अध्ययन के बाद ही किए गए थे।
Waqf Act: ‘मुसलमानों का विरोध झेलने को तैयार रहें…’,
वक्फ एक्ट का हुआ गलत इस्तेमाल
केंद्र सरकार ने कहा है कि वक्फ एक्ट का गलत इस्तेमाल हुआ है और इसके चलते निजी और सरकारी दोनों तरह की संपत्तियों पर अतिक्रमण के मामले देखने को मिले हैं। तमाम आंकड़ों का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि मुगल काल से लेकर आजादी के बाद तक कुल 18,29,163.896 एकड़ वक्फ की जमीन बनाई गई थी। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि 2013 के बाद 20,92,072.536 एकड़ अतिरिक्त जमीन को वक्फ संपत्ति में जोड़ दिया गया।
केंद्र सरकार ने कहा है कि कानून को चुनौती देने वाली याचिकाएं विधायिका द्वारा बनाए गए शासन को बदलने की कोशिश है। अदालत ने कहा है कि वक्फ कानून को एक मजबूत कानून के रूप में बरकरार रखा जाना चाहिए।
AIMPLB ने दी चेतावनी
वक्फ कानून के विरोध की अगुवाई कर रहे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने कहा है कि बीजेपी के सहयोगी और एनडीए में शामिल राजनीतिक दल वक्फ कानून को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव डालें। मुसलमानों की नुमाइंदगी करने वाले इस संगठन ने चेताया है कि अन्यथा वे हर जगह मुस्लिम समुदाय के विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहें।
बताना होगा कि मंगलवार को AIMPLB ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में वक्फ बचाओ कार्यक्रम किया था। इसमें देश भर के कई मुस्लिम संगठनों के साथ ही विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए थे।
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