Muslim Voting Right: देश में इस समय वक्फ बोर्ड को लेकर विवाद चल रहा है, ऐसी खबर है कि सरकार संसद के इस सत्र में फिर विधेयक को पेश कर सकती है। ऐसे में यह मुद्दा फिर तूल पकड़ चुका है और लगातार बयानबाजी हो रही है। इस बीच विश्व वोकलिंगा महासमस्तना मठ के कुमारा चंद्रशेखरंथा स्वामी का बयान चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने तो दो टूक मुसलमानों का वोटिंग अधिकार छीनने की बात कर दी है।

ऐसी क्या नाराजगी हो गई है?

असल में भारतीय किसा संघ ने एक बैठक का आयोजन किया था, वहां पर किसानों के मुद्दे पर चर्चा होनी थी। उसी कार्यक्रम में संत चंद्रशेखरंथा स्वामी ने कहा कि किसानों के खिलाफ जो अन्याय हो रहा है, उसके खिलाफ सभी को आवाज उठानी चाहिए। ऐसा कहा जा रहा है कि वक्फ बोर्ड किसी की भी जमीन पर अपना हक जमा सकता है। अगर कोई किसी दूसरे की जमीन लेगा, यह धर्म नहीं है। ऐसे में सभी को इसके खिलाफ लड़ना चाहिए, किसी भी कीमत पर किसानों की जमीन उनके पास ही रहनी चाहिए।

बीजेपी को कितना फायदा करवाएगा वक्फ बिल?

पाकिस्तान का जिक्र क्यों हो रहा?

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि एक कानून अब इस देश में आ जाना चाहिए जहां मुसलमानों को वोटिंग पावर ना मिले। इसका लागू होना जरूरी है, पाकिस्तान में भी ऐसा होता है, वहां दूसरों को वोट करने का अधिकार नहीं है। ऐसे में अब अगर मुस्लिमों को भी वोटिंग पावर नहीं मिलेंगे, तब वे अपने में रहेंगे और इस देश में शांति भी बनाई जा सकेगी।

इस विवाद की जड़ क्या है?

अब जानकारी के लिए बता दें कि यह सारा विवाद इसलिए शुरू हुआ है क्योंकि कर्नाटक में कुछ किसानों ने दावा किया है कि उनकी जमीन को वक्फ की प्रॉपर्टी बता दिया गया है। ऐसे में उन किसानों को डर है कि कहीं उनकी जमीन उनसे छीन ना ली जाए। अब उसी संभावित कार्रवाई के विरोध में किसानों के साथ बीजेपी और विश्व वोकलिंगा महासमस्तना के कार्यकर्ता जमीन पर उतर चुके हैं। वैसे सीएम सिद्धारमैया ने भी कहा है कि किसानों को जो भी नोटिस दिए गए हैं, उन्हें तुरंत वापस लिया जाए।

अब यह विवाद क्योंकि वक्फ बोर्ड की वजह से शुरू हुआ है, ऐसे में राष्ट्रीय राजनीति में भी यह मुद्दा जरूरी बन चुका है। सवाल तो यही उठ रहा है कि क्या मोदी सरकार फिर इस विधेयक के साथ आगे बढ़ने वाली है, क्या महाराष्ट्र जीत के बाद उसे जरूरी बूस्ट मिल चुका है? पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें