केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। इसे लेकर बुधवार को दो बिल लोकसभा में पेश करने की तैयारी है। मोदी सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन बिल 2024 के जरिए 44 संशोधन करने जा रही है। वक्फ कानून में से सेक्शन 40 को खत्म किया जाएगा। इसे सबसे बड़ा बदलाव बताया जा रहा है। इसके तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने का अधिकार था। इससे पहले सबसे बड़ा 2023 में किया गया था। तब वक्फ बोर्डों को किसी की भी संपत्ति छीनने के असीमित अधिकार दिए गए और इन्हें किसी भी अदालत में चुनौती भी नहीं दी जा सकती।
सरकार क्या करने जा रही बदलाव
मोदी सरकार वक्स कानून 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 करने जा रही है। इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग; शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानी को भी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इतना ही नहीं महिलाओं को भी इसमें उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। केंद्र सरकार जो बदलाव करने जा रही है उसके मुताबिक अब केंद्रीय परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं को रखना अनिवार्य होगा। ट्रिब्यूनल के आदेशों के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील के लिए 90 दिनों की मियाद निर्धारित की गई है।
जिला कलेक्टरों को दी जाएंगी शक्तियां
वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण के लिए सर्वे कमिश्नर का अधिकार कलेक्टर या कलेक्टर द्वारा नामित डिप्टी कलेक्टर को होगा। नए विधेयक में अधिनियम में ‘जिला कलेक्टर’ को शामिल किया गया है और इस पद को वक्फ अधिनियम से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए कुछ शक्तियां दी गई हैं। नए विधेयक में जिला कलेक्टरों को वक्फ बोर्ड और सरकार के बीच किसी भी विवाद को निपटाने का अधिकार दिया गया है और कहा गया है कि यदि कोई प्रश्न उठता है कि क्या ऐसी (वक्फ के रूप में पहचानी गई) कोई संपत्ति सरकारी संपत्ति है, तो उसे अधिकार क्षेत्र वाले कलेक्टर को भेजा जाएगा जो उचित समझे जाने पर जांच करेगा और निर्धारित करेगा कि ऐसी संपत्ति सरकारी संपत्ति है या नहीं और अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा।
बोहरा और आगाखानियों के लिए अलग बोर्ड
नए विधेयक में बोहरा और आगाखानियों के लिए अलग बोर्ड की स्थापना का प्रावधान किया गया है। वक्फ परिषद में केंद्रीय मंत्री, तीन सांसद, मुस्लिम संगठनों के तीन नुमाइंदे, मुस्लिम कानून के तीन जानकार, सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के दो पूर्व जज, एक प्रसिद्ध वकील, राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चार लोग, भारत सरकार के अतिरिक्त या संयुक्त सचिव आदि होंगे। वहीं दो महिलाएं भी अनिवार्य रूप से इसमें शामिल होंगी।