वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा में विचार और पारित करने के लिए रखा गया। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में विधेयक पेश किया। इस बीच वक्फ संशोधन विधेयक पर विरोध जताते हुए AIMPLB के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि अगर यह विधेयक संसद में पारित हो जाता है तो हम इसके खिलाफ़ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।
AIMPLB प्रवक्ता ने कहा,”अगर यह विधेयक संसद में पारित हो जाता है, तो यह हमारे लिए जंग की शुरुआत होगी, हम इसके खिलाफ़ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। हम चुप नहीं बैठेंगे। हम अपने पास उपलब्ध सभी कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों का उपयोग करेंगे। जब तक प्रस्तावित संशोधन वापस नहीं लिए जाते, हम शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे।” डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, “यह विधेयक भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिकता से प्रेरित है। दुख की बात है कि जेपीसी में जो विपक्ष के सदस्य थे उनकी बात को भी माना नहीं गया।”
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक पर जताया विरोध
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि यह वक्फ संपत्तियों के लिए लाभकारी होने के बजाय नुकसानदेह होगा। एआईएमपीएलबी के वरिष्ठ कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एआईएमपीएलबी और अन्य मुस्लिम संगठनों ने विधेयक पर अपनी चिंताओं से संयुक्त संसदीय समिति को अवगत कराया था, लेकिन इस पर विचार नहीं किया गया।
प्रवक्ता ने कहा कि इसके बाद, दिल्ली और पटना समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किए गए जहां प्रदर्शनकारियों ने असहमति दर्ज कराने के लिए सांकेतिक रूप से काली पट्टी बांधी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी सांसदों से मुस्लिम समुदाय की भावनाओं पर विचार करने और प्रस्तावित संशोधनों को खारिज करने का आग्रह किया है।’’
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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने बुधवार को कहा कि वह वक्फ (संशोधन) विधेयक को अदालत में चुनौती देगा। बोर्ड ने इसे एक ‘काला कानून’ करार दिया और इसे समुदाय के अधिकारों को खतरे में डालने वाला बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह नहीं माना जाना चाहिए कि हम लड़ाई हार गए हैं। हमने अभी शुरुआत की है। यह देश को बचाने की लड़ाई है, क्योंकि प्रस्तावित कानून भारत के मूल ढांचे को खतरे में डालता है।’’
लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया वक्फ संशोधन विधेयक
वहीं, दूसरी ओर लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “मैं यह कहना चाहता हूं कि दोनों सदनों की संयुक्त समिति में वक्फ संशोधन विधेयक पर जो चर्चा हुई है, वह भारत के संसदीय इतिहास में आज तक कभी नहीं हुई। मैं संयुक्त समिति के सभी सदस्यों को धन्यवाद और बधाई देता हूं। अब तक विभिन्न समुदायों के राज्य धारकों के कुल 284 प्रतिनिधिमंडलों ने समिति के समक्ष अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए हैं। 25 राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के वक्फ बोर्डों ने भी अपनी प्रस्तुतियां प्रस्तुत की हैं…
(भाषा के इनपुट के साथ)