अगर कोई एम्पलॉयी अपने पैसे को एम्पलॉयी प्रोविडेंट फंड(ईपीएफ) से नेशनल पेंशन सिस्टम (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) में ट्रांसफर करवाना चाहता है तो उसके पास टायर वन का नेशनल पेंशन सिस्टम अकाउंट होना चाहिए। टायर वन अकाउंट वह होते हैं जिनमें एम्पलॉयी की बेसिक सेलरी और डीए आदि का 10% हर महीने जमा होता है। ईपीएफ से नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कराने के लिए आपको अपनी वर्तमान कंपनी में कहना होगा। जब पैसा खाते में ट्रांसफर हो जाएगा उसके बाद यह आपकी वर्तमान साल की कमाई में नहीं जुड़ेगा और न ही इस पर कोई टैक्स लगेगा।
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने अभी ईपीएफ से एनपीएस में पैसा ट्रांसफर करने पर रोक लगा रखी है। ईपीएफ अधिकारियों की तरफ से पैसा ट्रांसफर करने के बारे में अभी कोई नोटिस नहीं दिया गया है। अभी ईपीएफ का पैसा स्पेशल केस में ही निकाला जा सकता है। जैसे 55 साल पूरे होने पर, गंभीर चोट लगने या बीमारी होने पर आदि। इसे लागू करने पर ईपीएफ स्कीम मे कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं।
अभी ईपीएफ का पैसा गवर्मेंट सिक्योरिटीज, बॉन्ड्स, लोन और इक्विटी में लगाया जाता है। ईपीएफ पर हर साल ब्याज भी मिलता है। पिछले तीन साल में ईपीएफ पर 8.75% से 8.80% ब्याज मिल रहा है। वहीं एनपीएस किसी भी तरह के रिटर्न्स की गारंटी नहीं लेता। मतलब गारन्टी नहीं है कि जो पैसा आपको अभी मिल रहा है उतना मिलेगा या उससे कम-ज्यादा मिलेगा। एनपीएस ट्रस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक वह अलग-अलग स्कीमों में 7.86% से लेकर 14.30% तक रिटर्न्स दे रहा है।
https://www.youtube.com/watch?v=f3cM538nQhg
अगर कोई एम्पलॉयी नौकरी छोड़ देता है और वह ईपीएफ में रजिस्टर है और दो महीने तक कोई नौकरी जॉइन नहीं करता है, तो वह अपना पूरा पैसा एक साथ निकाल सकता है। एनपीएस में ऐसा नहीं है इसमें जब आपकी उम्र 60 साल हो जाएगी तभी पैसा निकाला जा सकता है। इसमें आप सिर्फ 60% पैसा निकाल सकते हैं। बाकी के 40% पैसे से आपको हर महीने पेंशन दी जाएगी। ईपीएफ पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है। जब आप पांच साल या उससे अधिक की नौकरी पूरी होने के बाद ईपीएफ से पैसा निकालेंगे तो उस पर किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा। एनपीएस में ऐसा नहीं है। एनपीएस में केवल 40% पैसा ही टैक्स फ्री होता है।