Babri Masjid Row In Bengal: तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर आज मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनने वाली एक नई मस्जिद की आधारशिला रखने जा रहे हैं। हुमायूं समर्थक सुबह से ही सिर पर ईंटें रखकर मस्जिद निर्माण स्थल की ओर कूच करने लगे हैं। बेलडांगा और आसपास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इलाके में केंद्रीय सशस्त्र बल, रैपिड एक्शन फोर्स, बीएसएफ समेत 3000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
हुमायूं कबीर ने तैयारियों को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा, “सब कुछ एकदम ठीक है। रुकिए 12 बजने दीजिए और 12 बजे यहां कुरान पढ़ना शुरू होगा। इसी के बाद शिलान्यास यानी नींव रखी जाएगी। मुझे प्रशासन से पूरा सहयोग मिल रहा है। मुर्शिदाबाद की पुलिस और स्टेट पुलिस सभी लोग मेरे साथ सहयोग कर रहे हैं। मैं इन सभी का शुक्रिया अदा करता हूं। लोगों की भीड़ तो यहां पर पहले से ही मौजूद है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार को दिए थे अहम निर्देश
कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बंगाल सरकार को निर्देश दिया कि वह इस आयोजन से जुड़ी किसी भी सांप्रदायिक अशांति को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि राज्य को क्षेत्र में कानून-व्यवस्था सख्ती से बनाए रखनी चाहिए और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
भारी सुरक्षाबल तैनात
राज्य की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सिक्योरिटी कई लेवल पर तैनात की गई है। सीआईएसएफ की 19 कंपनियां क्षेत्र में तैनात हैं, जबकि रैपिड एक्शन फोर्स की यूनिट्स और स्थानीय पुलिस रेजिनगर और आसपास के इलाकों में तैनात हैं। पास के एनएच-12 हाईवे की सिक्योरिटी की सुरक्षा के लिए बीएसएफ की दो कंपनियां स्टैंडबाय पर हैं। कुल मिलाकर, 3500 से ज्यादा जवानों के जमीन पर तैनात रहने की उम्मीद है।
कबीर से शुक्रवार शाम रेजिनगर पुलिस स्टेशन में कई घंटों तक पूछताछ की गई। हालांकि, दिन में पहले वे तैयारियों का निरीक्षण करते रहे। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि उपस्थित लोगों के लिए लगभग 30000 पैकेट बिरयानी का इंतजाम किया जा रहा है और उन्होंने जोर देकर कहा कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और गैर-राजनीतिक रहेगा। उन्होंने क्षेत्र के विभिन्न धार्मिक समूहों के समर्थन का दावा करते हुए कहा, “कोई भाषण नहीं होगा, कोई पार्टी का झंडा नहीं होगा, कोई राजनीति नहीं होगी। दो घंटे तक कुरान पढ़ी जाएगी। यह कोई नई बात नहीं है।”
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