ईद के दिन वाघा-अटारी बॉर्डर पर भारत और पाकिस्तान के बीच तल्खी देखने को मिली। शनिवार (16 जून) को भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने त्यौहार पर पाकिस्तानी समकक्षों को न तो बधाइयां दीं और न ही मिठाइयां। सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि ईद पर इस बार दोनों देशों की सेनाओं में मिठाइयों का आदान-प्रदान नहीं किया गया। सूत्रों का कहना है कि जम्मू और कश्मीर में भी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स ने आपस में मिठाइयां नहीं बांटीं। वाघा बॉर्डर पर भी कुछ ऐसा ही हाल रहा।
अंतर्राष्ट्रीय सीमा बीते कुछ समय से बेहद तनाव का माहौल है। 12 जून को कश्मीर के रामगढ़ सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में चार बीएसएफ के जवान मुंहतोड़ जवाब देते वक्त शहीद हो गए थे। हैरत की बात है कि पड़ोसी मुल्क की ओर से यह सीजफायर उल्लंघन तब किया गया, जिससे पहले चार जून को इस संबंध में बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स की बैठक हुई थी। फ्लैग मीटिंग में तय किया गया था कि दोनों देश सीजफायर पर कायम रहेंगे, मगर पाक अपने ही वादे से मुकर गया।
ईद पर एक-दूजे को मिठाई देने की रवायत इस बार इसलिए भी रोकी गई, क्योंकि शनिवार को रजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में सरहद पार से मोर्टार दागे गए थे। गोलीबारी के दौरान देश का एक जवान शहीद भी हो गया था, जिसकी पहचान मणिपुर के खुकी गांव निवासी रायफलमैन बिकास गुरुंग (21) के रूप में की गई थी। सेना के प्रवक्ता ने बताया, “ईद-उल-फितर के मौके पर पाकिस्तान की ओर से बेवजह उकसाने वाला सीजफायर उल्लंघन बेहद अनैतिक और गैर-पेशेवर है।”
आपको बता दें कि वाघा-अटारी बॉर्डर स्थित जीरो लाइन पर हर रोज रीट्रीट सेरेमनी होती है। दोनों देश के सुरक्षाबलों के बीच उस दौरान थोड़ी सी खटास देखने को मिलती है, मगर हर साल ईद पर भारत-पाक की सेनाओं के बीच एक-दूसरे को मिठाई देने की परंपरा सालों से चली आ रही है। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि मिठाई-बधाई देने की यह परंपरा टूटी हो। पूर्व में भी पाकिस्तान की नापाक हरकतों के कारण भारत ने तल्ख रवैया अपनाया दिखाया था।
