व्यापमं घोटाले में एक व्हिसलब्लोअर ने सीबीआई को पत्र लिखकर कहा है कि पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री और और हनी ट्रैप मामले में शामिल मुख्य आरोपी लक्ष्मीकांत शर्मा से संबधित वीडियो को आगे की जांच के लिए सबूत के तौर पर माना जाए। पिछले हफ्ते जो वीडियो वायरल हुआ था, उसमें पूर्व बीजेपी नेता को यह स्वीकार करते हुए दिखा रहा है कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता की घोटाले में कथित मिलीभगत के बारे में जानकारी छिपाई थी।

व्हिसलब्लोअर आनंद राय की यह मांग ऐसे वक्त में आई है जब व्यापमं घोटाले से जुड़े एक मामले में 31 लोगों को दोषी माना गया और इन्हें 7 से लेकर 10 साल के कारावास की सजा दी गई है। दोषियों में रैकेटियर से लेकर प्रतिभागी भी शामिल है। व्यापम घोटाला जुलाई 2013 में सामने आया था जब भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे और लक्ष्मीकांत शर्मा वरिष्ठ मंत्री। शर्मा को 2014 में गिरफ्तार कर लिया गया और 19 महीने जेल में रहने के बाद वह दिसंबर 2015 में जमानत पर रिहा हुए।

वायरल वीडियो में शर्मा को श्वेता स्वप्निल जैन के साथ बातचीत करते दिखाया गया है। श्वेता हनी ट्रैप कांड में अपने पुरुष साथी के साथ मुख्य आरोपी है। वीडियो देख ऐसा लगता है कि यह शर्मा की रिहाई के लगभग दो साल बाद फिल्माया गया था, जब वह एक रिश्तेदार के राजनीतिक कार्यक्रम में शरीक हुए थे। गौरतलब है कि शर्मा की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
व्हिसलब्लोअर का आरोप है कि लक्ष्मीकांत शर्मा ने वीडियो में दावा किया है कि उन्होंने व्यापमं मामले में बीजेपी और आरएसएस के नेताओं को बचाने के लिए खुद की बलि दी। शर्मा ने एक जगह दावा किया है,”यदि मैं चाहता तो सरकार गिरा चुका रहता।”

इस मामले में ‘द इंडियन एक्सप्रेस’की तरफ से शर्मा से बीतचीत की कई बार कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उधर, मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया संयोजक नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल की चुप्पी इस बात का सबूत है कि शर्मा के दावे सही थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने 15 साल के शासन के दौरान भ्रष्ट और अनैतिक प्रथाओं में लगी रही और हनी ट्रैप मामले ने उसके दोगलेपन को बेनकाब कर दिया।