मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में बुधवार को अपनी जांच शुरू करते हुए सीबीआइ ने परीक्षाओं में गड़बड़ी करने से संबंधित तीन मामलों में प्राथमिकी दर्ज की। इनमें मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य और उनके बेटे सहित अन्य को नामजद किया गया है। ये प्राथमिकी 2010 के प्री-मेडिकल टेस्ट व 2011 की प्री-पीजी परीक्षा के सिलसिले में दर्ज की गई हैं।
केंद्रीय एजंसी ने सोमवार को मध्य प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल से सभी व्यापमं घोटाला मामलों की जांच को अपने हाथों में ले लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को यह मामला सौंपते हुए उससे व्यापमं मामले से कथित रूप से जुड़े कई लोगों की मौतों की जांच करने को भी कहा था। कांगे्रस के अनुसार प्रवेश व भर्ती घोटाले से जुड़े 49 लोगों की अभी तक मौत हो चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ ने 2010 के प्री-मेडिकल टेस्ट के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में 21 उम्मीदवारों को नामजद किया है। उनके खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी व फर्जीवाड़ा सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। दूसरे मामले में एजंसी ने इन्हीं धाराओं के तहत 2011 की प्री-पीजी परीक्षा में आठ संदिग्धों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
प्राथमिकी में जिन लोगों को नामजद किया गया है उनमें मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य गुलाब सिंह किराड़ और उनका बेटा शक्ति सिंह किराड़ शामिल हैं। अन्य नामों में पूर्व परीक्षा नियंत्रक, व्यापमं के सुधीर भदौरिया व पंकज त्रिवेदी शामिल हैं। सीबीआइ ने अपने संयुक्त निदेशक आरपी अग्रवाल की अगुआई में 40 सदस्यीय दल बनाया जो मामले की जांच कर रहा है। इस घोटाले में कई बड़े राजनीतिकों व नौकरशाहों के नाम आरोपी के रूप में सामने आए हैं।