मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के आरोपी प्रवीण यादव ने बुधवार सुबह अपने घर में पंखे से लटकर आत्महत्या कर ली। उसकी जबलपुर उच्च न्यायालय में गुरुवार को पेशी होनी थी। पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने आईएएनएस को बताया कि सिविल लाइन थाना क्षेत्र के महाराजपुर गांव में रहने वाले प्रवीण ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। वह व्यापमं घोटाले में आरोपी था और गुरुवार को उसकी उच्च न्यायालय में पेशी थी और शायद पेशी के तनाव के चलते उसने यह कदम उठाया। उसने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा। पुलिस मामले की जांच कर रही है। गौरतलब है कि वर्ष 2008 में प्रवीण का चिकित्सा महाविद्यालय में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए चयन हुआ था और उसे 2012 में व्यापमं का आरोपी बनाया गया था। विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा आरोपी बनाए जाने के बाद से उसे नियमित रूप से पेशी पर उच्च न्यायालय जबलपुर जाना होता था। गुरुवार को भी उसकी पेशी थी।
परिजनों का कहना है कि प्रवीण पढ़ने में अच्छा था और अपनी योग्यता से उसका व्यापमं में चयन हुआ था, लेकिन उसे बेवजह व्यापमं में झूठा फंसाया गया, जिससे वह लगातार परेशान रहता था। वह बार-बार बयान देते-देते परेशान हो चुका था। उसके पास कोई रोजगार नहीं था। इसी के चलते उसने यह कदम उठाया है। व्यापमं घोटाले की वर्तमान में सीबीआई जांच कर रही है। इससे पहले एसटीएफ और एसआईटी जांच कर चुके है। जांच के दौरान 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें कई मौतें संदिग्ध है। इनमें आजतक समाचार चैनल के संवाददाता अक्षय सिंह भी शामिल हैं।
व्यापमं भर्ती और एडमिशन से जुड़ा एक घोटाला था। जिसमें कई राजनेता, सीनियर अधिकारी और बिजनेसमैन शामिल थे। इसकी फुल फॉर्म मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (MPPEB) है। इसी को हिंदी में व्यापम कहा जाता है। सरकारी नौकरी आदि के लिए इसका पेपर होता है। घोटाले में सामने आया था कि लोगों ने नेताओं आदि को पैसे देकर इसमें एडमिशन ले लिया था। पता चला था कि यह घोटाला 1990 से हो रहे थे। इस घोटाले से जुड़े कई लोगों की जान जा चुकी है। मध्य प्रदेश के गवर्नर रहे राम नरेश यादव के बेटा की भी मौत पिछले साल हो गई थी। इस घोटाले में उनके बेटे का भी नाम आया था। एक दो नहीं लगभग 40 लोगों की संदिग्ध हालत में मौत हो चुकी है।
इस घोटाले से जुड़े कई लोगों की जान जा चुकी है। मध्य प्रदेश के गवर्नर रहे राम नरेश यादव के बेटा की भी मौत पिछले साल हो गई थी। इस घोटाले में उनके बेटे का भी नाम आया था। हालांकि, मौत को परिवार ने नॉर्मल बताया था। परिवार ने कहा था कि शैलेश काफी वक्त से बीमार था।
यह घोटाला पिछले साल 2013 में नजरों में आया था। जब इंदौर पुलिस ने 20 लोगों को गिरफ्तार किया था। उन लोगों ने जगदीश सागर नाम के एक शख्स का नाम लिया। वह उस रैकेट में शामिल था। इसके बाद राज्य सरकार ने 26 अगस्त 2013 को स्पेशल टास्क फोर्स बनाई थी।
#Vyapam accused Praveen Yadav commits suicide at his residence in Madhya Pradesh’s Morena. (file picture) pic.twitter.com/BVXqyzldiS
— ANI (@ANI_news) July 26, 2017