अगस्ता वेस्टलैंड डील क्या है?
फरवरी 2010 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने इटली की कंपनी फिनमेकेनिका की सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट किया। इन हेलिकॉप्टरों को वीवीआईपीज मसलन पीएम और राष्ट्रपति के लिए इस्तेमाल किया जाना था।
ताजा विवाद क्या है?
इस साल अप्रैल महीने में इटली के मिलान की अपीलीय अदालत ने अपने फैसले में माना कि इस डील में भ्रष्टाचार हुआ है।
इटली की अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड के दो अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए जेल की सजा दी। कहा कि कंपनी ने 3600 करोड़ रुपये का सौदा हासिल करने के लिए इंडियन अफसरों से लेकर शीर्ष नेताओं को रिश्वत दी।
इटली के कोर्ट के 225 पन्नों की रिपोर्ट में तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके रिश्तेदारों का प्रमुखता से नाम है। त्यागी के नाम का भी सीधे सीधे जिक्र है। उन पर आरोप है कि अगस्ता वेस्टलैंड के हेलिकॉप्टरों को खरीद की दौड़ में शामिल करने के लिए उन्होंने मानकों में बदलाव किए।
कोर्ट के फैसले में ऐसे दस्तावेज भी हैं, जिनमें इशारा किया गया है कि भारतीय नीति निर्धारकों को घूस देने के लिए करीब 200 से 250 करोड़ रुपए का बजट था।
कांग्रेस के लिए परेशानी क्यों?
कोर्ट ने यूपीए सरकार पर निशाना साधा है। मीडिया रिर्पोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार ने जांच में मदद के लिए जरूरी दस्तावेज नहीं दिए।
फैसले में सोनिया गांधी, उनके राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल, मनमोहन सिंह, तत्कालीन सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणनन के नाम का जिक्र है। हालांकि, इन लोगों ने क्या गड़बड़ी की, इस बारे में कोई जिक्र नहीं है। दस्तावेज में किसी ‘सिग्नोरा गांधी’ का जिक्र है। इटालियन में सिग्नोरा का मतलब श्रीमती होता है। इसलिए इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये सोनिया गांधी के बारे में कहा गया है।
कोर्ट के दस्तावेज में इस डील से जुडे बिचौलियों की आपसी बातचीत का जिक्र है, जिन्होंने मिसेज गांधी को इस डील का ‘ड्राइविंग फोर्स’ बताया गया है।
बीजेपी ने हमलावर रुख क्यों अपनाया?
बीजेपी ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है। दरअसल, उत्तराखंड मुददे पर कांगेस के हमले को रोकने लिए बीजेपी इस मुद्दे को जोरशोर से उठाने में जुटी। बीजेपी ने तत्कालीन रक्षामंत्री एके एंटनी से जवाब मांगा। लोकसभा में मीनाक्षी लेखी जबकि राज्यसभा में चर्चा के लिए सुबहमण्यम स्वामी ने नोटिस दिया। संसद के बाहर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस घूस लेने वाले नेताओं के नाम का एलान करे। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने इस मामले में विदेश मंत्रालय की मदद मांगी है।
कांग्रेस का क्या कहना है?
कांग्रेस के नेता और पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा कि वो कांग्रेस ही थी, जिसने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए और कॉन्ट्रैक्ट रदद किया। इटली में केस लड़ा और जीता। अग्रिम राशि जो डील के लिए दी थी, वो वापस मिल गई। अगर बीजेपी को जल्दी है तो वे सीबीआई जांच में तेजी लाएं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जिस अगस्ता वेस्टलैंड को ब्लैकलिस्ट में डाला गया, उसे खुद मोदी सरकार मेक इन इंडिया के इवेंट में न्योता दिया।
भारत में इस मामले में क्या हुआ?
जब इस डील में घोटाले की खबरें आईं और विदेशों में कुछ अधिकारियों की गिरफ्तारियां हुई तो यूपीए सरकार ने 2013 में इस डील को होल्ड पर डाल दिया। इसके बाद, जनवरी 2014 में कॉन्ट्रैकट रदद कर दिया।
सीएजी ने अगस्त 2013 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इंडियन एयरफोर्स ने हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए जो जरूरतें बताईं, उनमें 2006 में किए गए बदलावों की वजह से बाकी कंपनियां दौड़ से बाहर हो गई और अगस्ता वेस्टलैंड को फायदा पहुंचा। इस बात का भी जिक्र है कि कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए नियमों में कई बार बदलाव किए गए।
घूस क्यों दी गई?
नए हेलिकॉप्टर इसलिए खरीदे जा रहे थे क्योंकि पुराने एमआई 8 हेलिकॉप्टर बहुत ज्यादा ऊँचाई पर उड़ान भरने में सक्षम नहीं थे। शुरुआत में हेलिकॉप्टरों की खरीद में एयरफोर्स ऊंचाई वाले मानक पर किसी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं थी। इस शर्त की वजह से अगस्ता डील के दौड़ से शुरुआत में बाहर हो गई। आरोप है कि त्यागी के एयरफोर्स चीफ बनने के बाद ऊंचाई वाले मानक में बदलाव किए गए, जिसकी वजह से अगस्ता वापस डील के दौड़ में आ गई। आरोप है कि पैसे और घूस के प्रभाव में मानकों में यह बदलाव किया गया।