विश्व हिंदू परिषद भारतीय छात्रों को देश की सांस्कृतिक विरासत को सही ढंग से समझाने और हमारे महापुरुषों के बारे में उनको बताने के लिए एक नई पहल करते हुए अंग्रेजी वर्णमाला का भारतीयकरण कर दिया है। परिषद ने पूरी वर्णमाला को नए तरीके से सिखाने के लिए उसमें बदलाव करते हुए हर वर्ण के लिए भारतीय देवी-देवताओं और महापुरुषों के नाम रखे हैं। जैसे A से अंबेडकर, B से भगत सिंह, C से चाणक्य, D से दयानंद आदि। इसी तरह परिषद ने K से कलाम, X से लक्ष्मण, W से वाल्मीकि, Y से योगा और Z से झूलेलाल का नाम जोड़ा है। परिषद ने A-Z का नया चार्ट तैयार किया है। अब परिषद से जुड़े विद्यालयों में इसे पढ़ाया जाएगा।
29 अगस्त 1964 को स्थापित विश्व हिंदू परिषद भारतीय संस्कृति और सभ्यता के प्रति जागरूकता लाने के साथ ही हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार में लगी है। राम जन्म भूमि आंदोलन से विश्व हिंदू परिषद का गहरा लगाव रहा है। इसके अलावा वह समय-समय पर भारतीय इतिहास, समाज और वैदिक परंपरा को प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न तरह के आयोजन करती रहती है।
विश्व हिंदू परिषद का ही हिस्सा बजरंग दल का मानना है कि अंग्रेजी भाषा भारतीय संस्कृति को नष्ट कर रही है। ऐसे में भारतीय छात्र-छात्राओं के मन में अपनी भाषा के प्रति लगाव पैदा करने के लिए उनको सही भाषा और संस्कृति से परिचय कराना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है कि अपने महापुरुषों और उनके कार्यों को बताया जाए।
विश्व हिंदू परिषद इसी सिद्धांत के तहत अंग्रेजी वर्णमाला में भी भारतीय महापुरुषों और धार्मिक चरित्रों को जोड़ रही है। अगर अंग्रेजी सीखना ही है तो उसका भारतीयकरण करके सीखना होगा। इसीलिए ऐसा किया जा रहा है।