मैदान पर गेंदबाजों की बखिया उधेड़ने वाले धाकड़ क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने एक अहम खुलासा किया है। सोशल मीडिया पर अपने मजेदार ट्विट्स के लिए मशहूर सहवाग ने 7 फरवरी 1998 को हुए मैच के बारे में एक एेसी बात बताई है, जो आज से पहले शायद किसी को नहीं पता थी। इसी मैच में अनिल कुंबले ने 74 रन देकर 10 विकेट लिए थे। सहवाग ने बताया कि इस मैच में वकार यूनिस खुद रन आउट होना चाहते थे, ताकि कुंबले 10 विकेट न ले पाएं। लेकिन कप्तान वसीम अकरम की तारीफ करते हुए सहवाग ने कहा कि उन्हीं के कारण यूनिस का प्लान सफल नहीं हो पाया। अकरम के काम की तारीफ करते हुए सहवाग ने ट्विटर पर लिखा कि किस्मत के आगे, सारी साजिश फेल। बहुत खूब वसीम भाई। अनिल भाई के लिए फिरोजशाह कोटला में क्या दिन था।

एक पोस्ट शेयर करते हुए सहवाग ने लिखा, पूर्व पाक कप्तान वसीम अकरम ने बताया था कि वकार यूनिस रन आउट होकर अनिल कुंबले को 10 विकेट लेने से रोकना चाहते थे। अकरम ने कहा था कि कुंबले 9 विकेट ले चुके थे और क्रीज पर वकार और मैं थे। तभी वकार मेरे पास आए और कहा कि क्यों न मैं रन आउट हो जाऊं, ताकि अनिल कुंबले 10 विकेट न ले पाएं। उन्होंने कहा कि अगर उसकी किस्मत में 10 विकेट लेना है तो तुम भी उसे नहीं रोक सकते। लेकिन मैं तुम्हें विश्वास दिलाता हूं कि मैं अपना विकेट कुंबले को नहीं दूंगा। लेकिन मेरा भी विकेट भगवान ने बतौर तोहफा उन्हें ही दिया।

आपको याद दिला दें कि इंग्लैंड के गेंदबाज जिम लेकर के बाद सिर्फ कुंबले की एकमात्र एेसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट मैच की एक पारी में 10 विकेट लिए हैं। पाकिस्तान के साथ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच भारत 12 रनों से हार गया था। यह मैच 28-31 जनवरी, 1999 में चेन्नै में खेला गया था। जबकि दूसरा टेस्ट 4-7 फरवरी को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में हुआ था। सीरीज बराबर करने के लिए भारत को यह टेस्ट मैच जीतना जरूरी था। भारत ने पाकिस्तान के सामने जीत के लिए 420 रनों का टारगेट रखा था। पाकिस्तान की कोशिश थी कि वह मैच के आखिरी दिन मैच ड्रॉ कराकर सीरीज जीत जाए। लेकिन अनिल कुंबले की घूमती गेंदों के आगे पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए। मैच में 74 रन देकर 10 विकेट लेने वाले कुंबले की बदौलत भारत ने 19 साल में पाकिस्तान पर पहली जीत हासिल की थी।

देखिए किस तरह कुंबले ने सभी 10 पाकिस्तानी बल्लेबाजों को पहुंचाया था पवेलियन ः